
अपने भाईयों को राखी बांधने बहने पहुंची
जेल में पहुंची सैकड़ों राखियां
राखी को लेकर जेल में खास इंतजाम किए गए थे। कोविड गाइडलाइन की वजह से इस वर्ष भी जेल के अंदर बहनों को प्रवेश नहीं दिया गया। जिन बहनों को इसकी जानकारी नहीं थी वे राखी लेकर जेल पहुंची थी, लेकिन उनकी राखियां ड्राप बॉक्स में डलवाई गई। इस दौरान जेल के अंदर से कैदियों को उनके घरों पर वीडियो कॉल और फोन पर बात भी कराई गई। सभी भाईयों ने अपनी बहनों और परिवार से बात की और उनकी भेजी राखियां अपनी कलाई पर बांधी। इस बार जेल ेमं राखी के 422 लिफाफे पहुंचे। जेल अधीक्षक योगेश क्षत्री ने बताया कि 5 सौ से ज्यादा कैदियों को टेलीफोन से उनकी बहनों और परिवार वालों से बात कराई गई। जबकि 20 वीडियोकॉल के जरिए कैदियों ने अपनी बहन का चेहरा देखा। वही 80 कैदी बहनों की राखियां उनके भाई तक पोस्ट से भेजी गई।
शाम तक पहुंचती रही बहनें
भाईयों को राखी बांधने बहनें शाम तक पहुंचती रही। बसों और ट्रेन में भी बहनों की भीड़ शाम तक रही। आससाप के गांवों तक जाने जहां बस स्टैंड में काफी भीड़ रही। वही लोकल ट्रेन में भी महिलाओं की संख्या रोज के मुकाबले ज्यादा नजर आई।
कल सुबह भी बांधेेंगे राखी
कई बहनों ने मुहूर्त के फेर में शुक्रवार सुबह राखी बांधने का मूड बनाया है। कई परिवार में रात में राखी नहीं बांधने की वजह से सुबह साढ़े 7 बजे के पहले राखी बांधी जाएगी।
Published on:
11 Aug 2022 09:35 pm
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