
रोबोट करेंगे सीवरेज लाइन की सफाई
Robots will clean the sewer line: अब ट्विनसिटी सहित छत्तीसगढ़ के तमाम शहरों में सीवरेज लाइन की सफाई रोबोट से करते दिखेंगे। सीवर लाइन को साफ करने सफाई कर्मी को जान जोखिम में डालकर इसमें उतरने की जरूरत भी नहीं होगी। भिलाई के संतोष रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज (आर-1) के स्टूडेंट्स ने सीवरेज लाइन की सफाई और इसकी चोकिंग समस्या को दूर करने के लिए विशेष रोबोट का इजाद किया है। स्टूडेंट्स जल्द ही इसे प्रदेश के नगर निगमों को सुपुर्द करेंगे।
खास बात यह है कि उनके इस रोबोट को केंद्रीय पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट भी जारी कर दिया हे। आकार में छोटा सा यह रोबोट किसी भी पाइप लाइन के भीतर जाकर वहां जमी मिट्टी, कीचड़ और अन्य पदार्थों को धकेल सकता है। यही नहीं इसके फोर्स के जरिए उसे बाहर भी निकाला जा सकता है। इस तकनीक का उपयोग सिर्फ सीवरेज लाइन की मरम्मत करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पेयजल आपूर्ति के दौरान पाइप में आने वाली दिक्कतों का पता लगाने में भी इसका उपयोग हो सकता है।
कीमत सबसे कम
हाल ही में हैदराबाद महानगर पालिका निगम ने विदेश से एक सिवरेज लाइन क्लीनिंग रोबोट खरीदा है, जिसकी कीमत 34 लाख रुपए है। जबकि रूंगटा आर-1 स्टूडेंट्स का बनाया ये रोबोट एक लाख रुपए में तैयार हो जाएगा। इसकी मदद से नगर निगम टाउनशिप और पटरीपार दोनों ही जगहों पर बनाई अंडर ग्राउंड नालियों और नालों की सफाई भी आसानी से कर सकेंगे। इस रोबोट को मैकेनिकल विभाग के स्टूडेंट्स ऋतिक लक्ष्मीकांत उदावंत, प्रांशु बसक, एजे प्रींसन और विष्णु प्रसाद अधिकारी ने तैयार किया है। प्रोजेक्ट गाइड मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर व आईपीआर सेल इंचार्ज डॉ. रामकृष्ण राठौर हैं। विशेष मार्गदर्शन प्राचार्य डॉ. राकेश हिमते और डॉ. संजय साखरवाड़े ने दिया है।
मेनहोल के हर हिस्से की सफाई
सीवर मेनहोल के हर हिस्से तक इस रोबोट की पहुंच बनाई है। ताकि मेनहोल में सफाई कर्मचारी को नहीं उतरना पड़े। इसके जरिए नालों की सर्जिकल क्लीनिंग भी आसान हो जाएगी। इस तरह नाले चोक होने से क्षेत्र में जलभराव की स्थिति को दुरुस्त किया जा सकेगा। इसे आसानी से मोबाइल के जरिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। रोबोट का आकार छोटा होने से इसे कहीं भी लाने-जाने की परेशानी भी नहीं होगी। कुछ ही घंटों में यह रोबोट लंबी सीवर लाइन की सफाई करने में सक्षम है।
रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी और मैनुअल मोड दोनों पर काम करेगा। इसमें लेजर का उपयोग किया गया है। जिससे एक निश्चित मात्रा के लिए प्रेशर अप्लाई किया जाता है। इसमें ब्लॉकेज की मात्रा का पता लगाया जा सकता है। सबसे पहले ब्लॉकेज की परत को लेजर की सहायता से हटाया जाता है। एआई का उपयोग लंबे टर्नल के लिए किया जाएगा। इसमें एक कैमरा लगा हुआ है, जो टर्नल या पाइप लाइन के भीतर का विजुअल दिखाएगा।
Published on:
02 Jan 2023 01:57 pm
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