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सेल ने जारी किया वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के नतीजे

776 करोड़ का शुद्ध लाभ,

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भिलाई

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Abdul Salam

Aug 11, 2022

सेल ने जारी किया वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के नतीजे

सेल ने जारी किया वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के नतीजे

भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की पहली तिमाही में पिछले साल की तुलना में शुद्ध लाभ में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को कंपनी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष जून की तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 79 प्रतिशत घटकर 776 करोड़ रह गया है। सेल ने 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही मेें 3,897.36 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 24,199.51 करोड़ हो गई, जो इससे एक साल पहले समान अवधि में 20,754.75 करोड़ रुपए थी। सेल के बोकारो 609 करोड़, राउरकेला 587 करोड़ और भिलाई इस्पात संयंत्र 445 करोड़ लाभ में, शेष घाटे में रहे।

खर्च बढ़ा, बिक्री घटा
अप्रैल-जून, 2022 के दौरान कंपनी का खर्च बढ़कर 23,295.23 करोड़ हो गया है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 15,604.07 करोड़ रुपए था। कंपनी की बिक्री घटकर 31.5 लाख टन रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 33.3 लाख टन थी।

कारोबार में इजाफा
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने बुधवार को मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही का वित्तीय परिणाम घोषित किया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुक़ाबले प्रचालन के जरिये से अपने कारोबार में 16.4 फीसदी का इजाफा हासिल किया है। इस तिमाही के दौरान ने सेल ने अब तक के किसी भी तिमाही का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन भी दर्ज किया है।

दोनों स्तरों पर उच्च इनपुट
वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान कंपनी को वैश्वक और घरेलू दोनों स्तरों पर उच्च इनपुट लागत और कमजोर बाजार की मांग की दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जिससे कंपनी का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। आयातित कोकिंग कोल की कीमतों में इजाफा के चलते उत्पादन की उच्च लागत ने कंपनी के बॉटम लाइन को प्रभावित किया। स्टील की वैश्विक मांग और कीमतों में गिरावट का सीधा असर घरेलू बाजार और कीमत निर्धारण पर पड़ा। अप्रैल 2022 में अपने शीर्ष पर पहुंचने के बाद से, इस तिमाही के दौरान स्टील की कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है।

इस्पात की मांग बढऩे की उम्मीद
कंपनी ने कहा कि निर्माण और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने गति पकड़ी है जिससे इस्पात उत्पादों की मांग को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान आयातित कोयले की कीमतों में उल्लेखनीय कमी और मांग में तेजी की संभावना के चलते बेहतर प्रदर्शन का भरोसा है।