
दुर्ग सेंट्रल और सलोनी उपजेल में फूटा कोरोना बम, तीन बंदियों की संक्रमण से मौत, 103 से ज्यादा मिले पॉजिटिव
दुर्ग. सेंट्रल जेल दुर्ग में कोरोना (Coronavirus in Durg) बम फूटने से हड़कंप मच गया है। जेल में बंद एक महिला और एक बुजुर्ग कैदी की कोरोना से मौत हो गई है। वहीं जेल के डॉक्टर एचएन चौबे सहित 27 बंदी संक्रमित मिले हैं। कोरोना बम फूटने के बाद जेल प्रशासन ने लगभग 400 बंदियों की कोविड जांच कराई है। बहुत से बंदियों की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। आंकड़ा और बढ़ सकता है। अभी भी 100 से अधिक बंदी बुखार व सर्दी खांसी से पीडि़त हैं। दुर्ग सेंट्रल जेल अधीक्षक योगेश क्षत्रीय ने बताया कि जिला अस्पताल से एक चिकित्सक बंदियों के इलाज के लिए आ रहे हैं। वहीं राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ ब्लॉक के सलोनी उपजेल में 75 बंदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सलोनी उपजेल में सप्ताहभर से कैदियों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शनिवार रात को एक विचाराधीन बंदी की कोरोना से मौत हो गई। सलोनी जेल में फिलहाल 137 विचाराधीन कैदी हैं। संक्रमित कैदियों को अलग बैरक बनाकर रखा गया है। जेल में बंद इन कैदियों को समुचित देखरेख और उपचार नहीं मिल पा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि दुर्ग सेंट्रल जेल मेंसंक्रमितों की संख्या दोगुने से भी अधिक है। मार्च माह से अब तक करीब 400 बंदियों का कोविड टेस्ट कराया गया है। इसमें करीब 150 संदेहियों को आइसोलेट किया गया है। सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता व विचाराधीन करीब 2 हजार बंदी हैं। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वहां बंदियों के उपचार में भारी लापरवाही की जा रही है। जेल में दो डॉक्टर पदस्थ हैं। जिनमें से डॉक्टर निशांत ठाकुर पीजी कर रहे हैं इसलिए नहीं आ रहे हैं। दूसरा डॉक्टर एचएन चौबे स्वयं कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इस वजह से अवकाश पर हैं।
एक कैदी डॉक्टर कर रहा इलाज
यह जानकारी मिली है कि इस परिस्थिति में एक सजायाफ्ता डॉक्टर कोरोना से संक्रमित बंदियों का उपचार कर रहा है। हालांकि जेल प्रबंधन का कहना है कि जिला अस्पताल से डॉक्टर को बुलाया जाता है। गंभीर मामले में मरीज को जिला अस्पताल ले जाकर उसका उपचार कराया जा रहा है।
आयुष मंत्रालय के निर्देश का उल्लंघन
जेल प्रशासन ने बंदियों के लिए परिवार से बातचीत करने टेलिफोनिक सुविधा दी है। जिससे बंदी अपने परिजनों से बातचीत कर सकते है। फोन पर बंदियों ने अपने परिजनों को जानकारी दी है कि सेंट्रल जेल के अस्पताल में भारी अव्यवस्था है।
दो मरीज गंभीर, नहीं हो रही कोविड जांच
बंदियों के परिजनों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दो बंदी गंभीर रुप से बीमार है। एक मरीज को रेफर किया गया है। दूसरे का जेल के अस्पताल में ही उपचार चल रहा है। 20 दिन पहले 50 बंदियों की कोविड जांच कराई गई थी। इसके बाद से बंद है। जबकि जेल में 100 से अधिक बंदी सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार और गले के दर्द पीडि़त हैं।
जानिए किसने क्या कहा
दुर्ग केंद्रीय जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्रीय ने बताया कि जेल के अंदर 27 एक्टिव केस है। अप्रेल में कोरोना संक्रमण से एक महिला और बुजुर्ग की मौत हो गई। जेल के चिकित्सक संक्रमित हो गए हैं, अब वे स्वस्थ हो गए हैं। सोमवार से आएंगे। अभी उपचार के लिए जिला अस्पताल से डॉक्टर आते हैं। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बाल किशोर ने बताया कि जेल में दो डॉक्टर की पोस्टिंग है। एक डेढ़ साल से पीजी कर रहा है वो ड्यूटी नहीं करता। वहीं दूसरा डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव है। वे छुट्टी पर हैं। उनके स्थान पर डॉ. अशोक सान्याल को रखा गया है। सोमवार को जेल डॉक्टर ज्वाइन करेंगे। फिर उन्हें वापस बुला लिया जाएगा।
Published on:
03 May 2021 11:10 am
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