
CBSE Chhattisgarh : 10 वीं में आईसीएसई बोर्ड में टॉपर रहे अभिनीत भुवनेश्वर रीजन में छाया
भिलाई. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने शनिवार को बारहवीं के नतीजे जारी कर दिए। इस साल डीपीएस, रिसाली के छात्र अभिनीत परिछा ने भुवनेश्वर रीजन में टॉप किया है। उन्हें साइंस ग्रुप में ९८.४ फीसदी अंक मिले हैं। अभिनीत मुख्य रूप से ओडिसा के बलांगीर का रहने वाला है, लेकिन इस परिवार ने अपने होनहार की अच्छी शिक्षा के लिए एजुकेशन हब भिलाई को चुना। दो साल तक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। सबसे खास बात यह है कि अभिनीत ने दसवीं तक की पढ़ाई आईसीएसई बोर्ड से की है। वह २०१६ में पूरे देशभर में टॉपर रह चुके हैं। उनका कहना है कि १२वीं के लिए जब स्कूल चुनने की बारी आई तो हर किसी ने भिलाई का नाम ही सुझाया। पांच साल के रिजल्ट देखने के बाद भिलाई से पढ़ाई करने का निर्णय किया और दाखिला ले लिया।
इस साल बढ़ा एक फीसदी रिजल्ट
सीबीएसई बारहवीं की परीक्षा में शहर से ६ हजार विद्यार्थी शामिल हुए। स्कूलों से मिली जानकारी के मुताबिक शहर का परीक्षा परिणाम ९६ फीसदी के आसपास है। भुवनेश्वर रीजन से प्रदेश में ९३ फीसदी विद्यार्थी सफल रहे हैं। इस साल रिजल्ट एक फीसदी बढ़ा है।
पढ़ाई के लिए शानदार शहर है भिलाई
अभिनीत ने पत्रिका से अपने दो साल के अनुभव साझा कर बताया कि भिलाई जैसा शहर भुवनेश्वर रीजन में कम ही है। पढ़ाई पूरी कर अपने शहर बलांगिर लौट चुके अभिनीत ने कहा कि इस शहर के लोग एजुकेशन की कीमत जानते हैं, इसलिए भिलाई का नाम उनके शहर तक मशहूर हुआ। स्कूल के टीचर्स ने हर कदम पर साथ दिया। कभी महसूस ही नहीं हुआ कि वे अपना घर छोड़कर यहां आए थे। अभिनीत के पिता सुकांत परिच्छा बलांगिर में बिजनेस मैन हैं।
टॉपर ईशा कोलते-97.8 प्रतिशत-मंजिल मिलने तक बनाए रखी फेसबुक से दूरी
१२वीं का साल था, इसलिए खुद ही सोशल मीडिया से दूरी कर ली। वॉट्सएप तो मुझे पता भी नहीं। परिवार को मुझसे उम्मीदें थी, जिसे पूरा करना अपनी जिम्मेदारी समझीं। आज मम्मी-पापा को अपनी कामयाबी का बड़ा गिफ्ट दिया है। मेरे साथी जो इस साल १२वीं में पहुंचे हैं, उन्हें समझना होगा कि हमें एक साल डटकर मेहनत करनी होती है। इस एक साल में आगे का पूरा भविष्य तैयार होता है। पढ़ाई के लिए एनसीईआरटी की किताबों से बेहतर कुछ भी नहीं। हां, किताबें बदल-बदल कर न पढ़ें, बल्कि एक ही बुक को तय करें, उसी से रिजीवन करते रहिए।
टॉपर-आकांक्षा जैन- 96.4 प्रतिशत -कॉमर्स टॉपर बनना चाहती हैं फैशन डिजाइनर
आज के दौर के होनहार परंपरागत कोर्स के पीछे नहीं भागते बल्कि उन्होंने हर क्षेत्र में कमाल दिखाने की कसम खाई है। यही वजह है कि होनहार कुछ अलग करने की सोच लिए आगे बढ़ रहे हैं। भिलाई शांति नगर निवासी बिजनेसमैन देवेंद्र जैन की बिटिया आकांक्षा जैन को १२वीं में कॉमर्स से ९६.४ फीसदी अंक मिले हैं। बड़ी बात ये है कि यह बेटी इतने शानदार अंकों के बाद भी सीए या अन्य परंपरागत कोर्स की ओर नहीं देख रही बल्कि उनका सपना टॉप की फैशन डिजाइनर बनने का है। इसके लिए उन्होंने हाल ही में निफ्ट का एंट्रेंस टेस्ट भी दिया है।
टॉपर- नैनिका नंदी-96 प्रतिशत-म्यूजिक में महारत करना चाहती हैं ये बिटिया
इन अंकों के साथ दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से बीकॉम करने की कोशिश रहेगी। असल में मेरा पूरा फोकस म्यूजिक की तरफ है, लेकिन पढ़ाई भी उतनी ही जरूरी होती है। पढ़ाई के साथ-साथ म्यूजिक के क्षेत्र में कॅरियर बनाने का लक्ष्य है। मुझे लगता है कि हमें अपने कीमत एक साल में दिल लगा कर पढ़ाई करनी चाहिए। एंजॉयमेंट की तमाम चीजें तो बाद में भी मिल जाएगी, लेकिन इस एक साल में जी तोड़ मेहनत हमें एक बड़ा अवसर देती है, कुछ कर गुजरने का। इस सब के बीच एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई के लिए सबसे बेस्ट होती है। हमेशा अपना कॉन्सेप्ट क्लीयर होना चाहिए। अलग अलग बुक्स से पढऩे के बजाए एक ही बुक से पढ़ाई करें।
टॉपर-साहिल बलोदिया-96 प्रतिशत-एनसीईआरटी की किताबें होती हैं सबसे अहम
सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह किताबें रिजल्ट को शानदार बनाने में बड़ी मददगार साबित होती है। हर स्टूडेंट्स को इनसे नजदीकी रखनी चाहिए। यदि आपको कॉन्सेप्ट्स क्लीयर करने हैं तो इनसे बेहतर कुछ भी नहीं। आपको टीचर्स जो पढ़ाएंगे, उसे घर में जाने के बाद एक बार जरूर रिवाइज करें। यह ट्रिक आपको दूसरों से आगे रखेगी। मैं अभी सीपीटी की तैयारी कर रहा हूं, लेकिन मेरा लक्ष्य आगे चलकर एमबीए करने का है। कोशिश करूंगा कि आईआईएम तक पहुंचूं। मेरी का श्रेय स्कूल टीचर्स और फैमिली को देना चाहूंगा।
टॉपर-चित्रलेखा दत्ता -95 प्रतिशत-पढ़ाई की अहमियत समझना सबसे जरूरी
पढ़ाई को हमेशा ही एंजॉय नहीं किया जा सकता, बल्कि हमें उसे सीसिंयर होकर पढऩा होता है। यह बात बचपन से ही बताई गई है। यही वजह है कि इतने बढिय़ा अंक ला पाई। जेईई में भी बेहतर अंक मिले हैं। मेरा सपना अब एडवांस पर निर्भर करता है। कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने का इरादा है। पढ़ाई के लिए एनसीईआरटी की किताबें श्रेष्ठ होती हैं। अपने जूनियर दोस्तों से मैं यही कहूंगी कि एक साल की मेहनत आपका पूरा भविष्य तय करती है, इसलिए आप भी दिल लगाकर पढऩा।
Published on:
27 May 2018 12:43 pm
बड़ी खबरें
View Allभिलाई
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
