
भागीरथ योजना से कनेक्शन लगवाने के 15 साल बाद भी नहीं आया पानी
भिलाई. रामनगर मुक्तिधाम का परिया पारा एक ऐसा मोहल्ला है, जहां के लोगों को पानी की तंगी से उभाकने 15 साल पहले घर-घर नल कनेक्शन दिया गया। कनेक्शन लगाए जाने के बाद से अब तक इन नलों में पानी नहीं आया है। अचानक निगम ने 32-32 हजार रुपए पानी का बिल भेज दिया। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत महापौर से की है। महापौर ने बिल माफ करने के लिए 3 माह का समय मांगा है, लेकिन पानी की किल्लत बनी हुई है।
भागीरथ योजना के तहत दिए थे कनेक्शन
नगर पालिक निगम, भिलाई ने भागीरथ नल जल योजना के तहत 2008 में रामनगर, मुक्तिधाम के करीब बसे परिया पारा के करीब 100 घरों में नल कनेक्शन दिया था। घर-घर तक पाइप बिछा दी गई, लेकिन डेढ़ दशक बीतने के बाद भी अब तक यहां लगे नल कनेक्शन में पानी नहीं पहुंचा है। इस वजह से लोगों को पानी के लिए हर दिन संघर्ष करना पड़ता है।
32,000 रुपए का आया बिल
परिया पारा के करीब 100 घरों में पानी तो नहीं पहुंचा, लेकिन निगम से 32-32 हजार रुपए का बिल पहुंच गया। यहां के रहवासियों ने इस बिल को साथ लेकर नगर निगम का रुख किया। वहां जाकर शिकायत की। इस पर निगम के अधिकारियों ने बताया कि बिल तो देना ही पड़ेगा। इसे थोड़ा-थोड़ा कर जमा कर दो। यह सुनकर वे हैरान रह गए।
निगम मुख्यालय में किए शिकायत
वे निगम मुख्यालय पहुंचे। यहां महापौर से मुलाकात हुई। महापौर ने पेयजल से संबंधित अधिकारी बसंत साहू से चर्चा की। उन्होंने महापौर को बताया कि इस वार्ड का सर्वे किए हैं। पारा के तीन सड़क में पानी नहीं आ रहा है। इसका फोटो भी किया गया है। यहां के लोग बोरिंग से पानी भर रहे हैं।
महापौर ने मांगा 3 माह का वक्त
महापौर नीरज पाल ने पीडि़त लोगों को बताया कि पानी नहीं आ रहा है, यह जांच में साफ हो गया है। बावजूद इसके जो प्रोसेस है, उसके तहत पानी का बिल माफ किया जाएगा। इसमें कम से कम 3 माह का वक्त लगेगा।
महिलाओं ने संभाला पानी खोलने का जिम्मा
रामनगर, मुक्तिधाम, परिया पारा के तीन सड़कों में बोरिंग में लगे पंप से स्टैंड पोस्ट लगाकर पानी की आपूर्ति की जा रही है। नगर निगम ने ऑपरेटर नहीं दिया है। इस वजह से पिछले करीब 5 साल से यह कार्य महिलाओं ने अपने हाथ में ले रखा है। एक महिला अपने सड़क में पानी खोलने का काम 3 दिनों तक करती है। इसके बाद यह कार्य सड़क में रहने वाली दूसरी महिला के हाथ में सौंप दिया जाता है। इस तरह से बारी-बारी से महिलाएं अपने-अपने सड़क में अलग-अलग वक्त में बोरिंग में लगे पंप को शुरू कर स्टैंड पोस्ट से पानी की हर दिन एक-एक घंटे पानी की आपूर्ति करती है।
छोटे मरम्मत काम का खुद उठा रही खर्च
बोरिंग में पंप लगाकर पानी की आपूर्ति यहां की जा रही है। 5 साल के दौरान बोर्ड, बिजली गुल होने से आने वाली खराबी वगैरह जैसे काम में महिलाओं ने मिलकर अब तक 17 हजार से अधिक रकम खर्च कर दी है। बोरिंग में बड़ी समस्या आती है, तब निगम से करवाया जाता है। महिलाओं का कहना है कि छोटे काम के लिए निगम जाने पर तीन-तीन तक चक्कर कटवाते हैं। बिना पानी के कोई 3 दिनों तक कैसे इंतजार करे।
32,000 रुपए का आया है बिल
खुर्शिदा बेगम, निवासी परिया पारा, रामनगर, मुक्तिधाम ने बताया कि निगम से पानी नहीं आया, लेकिन 32,000 रुपए का बिल जरूर आ गया। इसको लेकर मपापौर से शिकायत किए हैं। उन्होंने 3 माह में माफ करवाने का वादा किया है।
पानी आता ही नहीं
बसंता बाई गायकवार्ड, निवासी परिया पारा, रामनगर, मुक्तिधाम ने बताया कि भागीरथ नलजल योजना के तहत 2008 से नल कनेक्शन दिया गया है। अब तक उसमें पानी आना शुरू नहीं हुआ है। पेयजल आपूर्ति को व्यवस्था को बेहतर करने की जरूरत है।
बोरिंग खराब हो जाता है तब होती है दिक्कत
राम प्यारी पैकरा, निवासी परिया पारा, रामनगर, मुक्तिधाम ने बताया कि बोरिंग चल रहा है, तो बारी-बारी से पानी लोग स्टेंड पोस्ट से भर लेते हैं। वह खराब हो जाता है, तब परेशानी होती है। विकल्प के तौर पर एक और बोरिंग खनन करने की जरूरत है।
Published on:
02 Apr 2023 07:47 pm
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