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अग्रवाल भवन में तैयार हो रहा ऑक्सीजन युक्त 100 बेड का सेन्टर

कोरोना की तीसरी लहर से निबटने की तैयारीबच्चों के इलाज और ऑक्सीजन बेड बढ़ाने पर पूरा फोकसहर विधानसभा क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद

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अग्रवाल भवन में तैयार हो रहा ऑक्सीजन युक्त 100 बेड का सेन्टर

अग्रवाल भवन में तैयार हो रहा ऑक्सीजन युक्त 100 बेड का सेन्टर

भीलवाड़ा।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से मुकाबला करने और बच्चों को इससे सुरक्षित रखने के लिए भीलवाड़ा जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरु कर दी है। जिले में दूसरी लहर तो कहर बरपा रही है, लेकिन तीसरी लहर के इससे भी ज्यादा खतरनाक होने की आशंका है। इस लहर की चपेट में बच्चों के ज्यादा आने की संभावना है। ऐसे में जिला प्रशासन ने अभी से इससे निबटने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिला कलक्टर शिवप्रसाद एम नकाते के निर्देश पर अग्रवाल उत्सव भवन में ऑक्सीजन युक्त १०० बेड का कोविड केयर सेन्टर बनाने की तैयारी शुरू कर है। इसके अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में भी सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र को भी विकसित किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुस्ताक खान ने बताया कि डीएमएफटी फंड या विधायक फंड के माध्यम से जिले के मांडल, आसीन्द, गुलाबपुरा, शाहपुरा, जहाजपुर, सहाड़ा-रायपुर, मांडलगढ़ समेत अन्य बड़े सेन्टर पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना पर कवायद शुरू कर दी है। इस योजना पर अभी से काम शुरू होता है तो अगले एक माह में इन क्षेत्रों में १०० सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर देगा। इस पर जिला कलक्टर से भी चर्चा की है। डॉ. खान के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर निश्चित तौर पर आएगी। लेकिन यह लहर कैसी होगी, इसके बारे में अभी कुछ स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता। वह कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बुजुर्गो और युवाओं के साथ बच्चों पर भी असर होगा। उनका मानना है कि चूंकि अभी बच्चों को वैक्सीन नहीं लग रही है इसलिए उन पर असर देखने को मिल सकता है।
बच्चों के लिए होंगे बेड तैयार
कोरोना की तीसरी लहर में नवजात शिशुओं एवं बच्चों के संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बच्चों के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। कोरोना संक्रमण में नवजात शिशु एवं बच्चों के इलाज के लिए जरुरी दवाएं, इंजेक्शन, कंज्यूमेंबल्स आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी विचार किया है। इसके अलावा उपखण्ड स्तर पर भी बेड बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। ऑक्सीजन बेड के साथ ऑक्सीजन लाइन की सुविधा हो ताकि हर बेड पर अधिक क्षमता के ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भी लगाए जा सके।