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80 बुलेट प्रुफ जैकेट और दो हजार पुलिसकर्मी, कैसे करेंगे गोली का सामना

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 24, 2021 08:22:11 am

Submitted by:

jaiprakash singh

अधिकांश थाना इलाकों से गुजरते है तस्करआए दिन होता है पुलिस से सामना

80 बुलेट प्रुफ जैकेट और दो हजार पुलिसकर्मी, कैसे करेंगे गोली का सामना

80 बुलेट प्रुफ जैकेट और दो हजार पुलिसकर्मी, कैसे करेंगे गोली का सामना

जयप्रकाश सिंह
केस-1
भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी थाना इलाके में गत 19 अप्रेल की रात नाकाबंदी के दौरान कांस्टेबल ओंकार रायका ने तस्करों की गाड़ी रूकवाने की कोशिश की तो तस्करों ने उस पर फायरिंग कर दी। बिना बुलेट प्रुफ जैकेट के खड़े ओंकार के सीने में गोली लगी और अस्पताल आते-आते उसने दम तोड़ दिया।
केस- 2
जिले के रायला थाना इलाके में 19 अप्रेल की ही देर रात पीछा कर रहे पुलिसकर्मियों पर तस्करों ने फायरिंग कर दी। पुलिस की जीप के पास खड़े कांस्टेबल पवन चौधरी के सिर में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। चौधरी ने बुलेटप्रुफ हेलमेट नहीं पहन रखा था।

भीलवाड़ा। ये दो केस तो केवल उदाहरण है। भीलवाड़ा जिले में मादक पदार्थ तस्करों की गोली से बचने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त बुलेट प्रुफ जैकेट और हेलमेट तक नहीं है। जिले में पुलिस के पास मात्र 80 बुलेट प्रुफ जैकेट और 75 हेलमेट है, जबकि यहां दो हजार से ज्यादा पुलिस अधिकारी और जवान कार्यरत है। जिले में 34 थाने है। इन थाना क्षेत्रों से अक्सर मादक पदार्थ लेकर मारवाड़ और पंजाब के तस्कर गुजरते हैं। ये तस्कर अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। नाकाबंदी या पीछा करने के दौरान ये फायरिंग करने से भी नहीं चूकते। यहीं कारण है कि दो जवानों की जान चली जाने के बाद अब नाकाबंदी के दौरान फ्रंट लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों के लिए बुलेट प्रुफ जैकेट और हेलमेट की मांग होने लगी है।
जिले में तस्करी के कई रास्ते
भीलवाड़ा जिले की कुछ तहसीलों और समीपवर्ती जिले में चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, नीमच और मंदसौर में अफीम की सबसे ज्यादा पैदावार होती है। इन जिलों से अफीम, डोडा चूरा लेकर तस्कर भीलवाड़ा के विभिन्न इलाकों से होकर मारवाड़ में जोधपुर, बाड़मेर, पाली, सिरोही जालोर जाते हैं, वहीं कई तस्कर अजमेर, नागौर होते हुए बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और पंजाब जाते हैं। अप्रेल में फायरिंग की घटना के बाद भीलवाड़ा जिले में सख्ती के बाद अब तस्कर चित्तौड़गढ़ से उदयपुर और राजसमन्द होकर भी मारवाड़ में जा रहे हैं।
हाइवे पर बड़े वाहन, गांवों में छोटे वाहनों में तस्करी
तस्कर बड़े और छोटे दोनों तरह के वाहनों में तस्करी कर रहे हैं। मादक पदार्थ लेकर जाने वाले ट्रक नेशनल हाइवे पर हमीरगढ़, पुर, रायला, गुलाबपुरा, बिजयनगर, ब्यावर होते हुए मारवाड़ तथा अजमेर, नागौर, बीकानेर होते हुए पंजाब की ओर चले जाते हैं, जबकि छोटे वाहन जिले में करीब एक दर्जन रास्तों से होकर मारवाड़ और पंजाब की जाते हैं। जानकारों के अनुसार बड़े वाहनों में तस्करी में चार या पांच चक्कर में एक बार होती है, जबकि छोटे वाहनों में लगातार तस्करों का मूवमेंट रहता है।
थानों में थी सेटिंग
अप्रेल में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद पुलिस ने जांच की तो जिले के विभिन्न थानों के आधा दर्जन पुलिसकर्मियों की तस्करों से मिलीभगत सामने आई। इनके अलावा चित्तौड़गढ़ और जोधपुर के दो पुलिसकर्मी भी पकड़ में आए। सभी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। जानकारों के अनुसार तस्करों के रूट में इतने जिले और थाने पड़ते है कि बिना पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के उनका इतना लम्बा रास्ता पार करना संभव नहीं हैं। कहीं न कहीं उनका पुलिस से सामना हो ही जाता।
उनके पास लग्जरी गाड़ी, पुलिस के पास खटारा
मादक पदार्थ तस्करों के पास हाई स्पीड की लग्जरी गाडि़यां है, जबकि जिले में अधिकांश थानों में पुरानी जीपें है। कई बार तस्करों का पीछा करते समय ये जीपें हांपने लगती है। ऐसे में तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस कई बार निजी वाहनों का उपयोग करती हैं।
आधुनिक हथियार, पर अभ्यास नहीं
पिछले कुछ समय से पुलिस के पास भी आधुनिक हथियार आए हैं। जवानों के पास अब थ्री नॉट थ्री के बजाय एके-47, एसएलआर और शॉटगन जैसे हथियार है, लेकिन बहुत कम इस्तेमाल होने के कारण मुठभेड़ के दौरान जवान इसे आसानी से से नहीं चला पाते, जबकि तस्कर अंधाधुंध फायरिंग कर देते है। वहीं कई पुलिसकर्मी मुठभेड़ को लेकर उठने वाले सवाल और कानूनी कार्रवाई से भी घबराते हैं, ऐसे में वे गोली चलाने के लिए कई बार हिचक जाते हैं।
पूरे प्रदेश में 5 हजार जैकेट
पूरे प्रदेश में पुलिसकर्मियों के पास पांच हजार बुलेट प्रुफ जैकेट है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गोविंद गुप्ता ने बताया कि साढ़े तीन सौ नई जैकेट खरीदने के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। इस पर जल्दी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
” जिले में नाकाबंदी के दौरान पुलिसकर्मियों को जैकेट पहनने की हिदायत दी गई है। सभी थानों में बुलेट प्रुफ जैकेट और हेलमेट हैं। पुलिस की सख्ती के कारण तस्कर दूसरे जिलों से होकर जा रहे हैं.
– विकास शर्मा, पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा

पुलिस ने मादक पदार्थ पकड़ा
मादक पदार्थ 2019 2020 2021
डोडा चूरा 8090 किलोग्राम 7117 किलोग्राम 8980 किलोग्राम
स्मैक 16 ग्राम 6 मिलीग्राम 79 ग्राम
अफीम 17 किलो 277 ग्राम 36 किलोग्राम 12 किलो 500 ग्राम
गांजा 115 किलोग्राम 360 किलोग्राम 35 किलोग्राम
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