भीलवाड़ा जिले के 9 विद्यालय भी हुए क्रमोन्नत
राज्य सरकार ने प्रदेश के 96 राजकीय उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालयों को सीधे ही राजकीय उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। इसमें सर्वाधिक 10 अजमेर व भीलवाड़ा व उदयपुर के 9-9 विद्यालय शामिल हैं। जबकि बाडमेर 7, पाली 5, कोटा 6, नागौर, जोधपुर, जालोर में 4-4, सिरोही, राजसमंद, जयपुर, डूंगरपुर, दौसा व चितौड़गढ़ में 3-3, सवाईमाधोपुर, करोली, जैसलमेर, हनुमानगढ़, बूंदी, बीकानेर व भरतपुर में 2-2, टोंक, सीकर, प्रतापगढ़, गंगानगर, चूरू व बांरा में 1-1 विद्यालय क्रमोन्नत हुई है। इन सभी विद्यालय के लिए वित्त विभाग ने आईडी भी जारी कर अपनी सहमति दे दी है। भीलवाड़ा की यह स्थिति
भीलवाड़ा जिले में 9 राजकीय उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में र क्रमोन्नत किया है। इनमें आसीन्द के 3, शाहपुरा के 2, जहाजपुर, मांडल, मांडलगढ़ तथा सहाड़ा के 1-1 विद्यालय शामिल हैं।
इन शर्तो की करनी होगी पालना
- विद्यालय क्रमोनयन इस सत्र से प्रारंभ होगा।
- स्वीकृति के वर्ष कक्षा 9, 10 को एक साथ प्रारंभ किया जाएगा। आगामी सत्रों में कक्षा-11 एवं 12 प्रारम्भ होगी।
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर से मान्यता के लिए निर्धारित 4 प्रपत्रों में सूचना की पूर्ति करवाकर मान्यता प्राप्त करने की कार्यवाही करनी होगी।
- राउप्रावि से राउमावि में क्रमोन्नत होने पर विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत प्रधानाध्यापक, राउप्रावि के पद पर कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक को उसके विषय के वरिष्ठ अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया। इसी प्रकार से राउप्रावि में वर्तमान में कार्यरत शारीरिक शिक्षक ग्रेड-II को क्रमोन्नत राउमावि के शारीरिक शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाएगा।
- क्रमोन्नत राउप्रावि में कार्यरत शिक्षक ग्रेड लेवल-1 व लेवल-2 के ऐसे अध्यापक जिनका 6 डी में सैटअप परिवर्तन हो चुका है, उनका समायोजन क्रमोन्नत राउमावि में उनके विषय के स्वीकृत पद पर होगा।
- शेष शिक्षक ग्रेड लेवल-1 व लेवल-2 के अध्यापकों को प्रविष्ठि शाला दर्पण में 3 बी में की जाएगी। ये अध्यापक 6 डी की कार्रवाई होने तक एवं अन्य शिक्षकों के पदस्थापन होने तक क्रमोन्नत विद्यालय में ही कार्य करते रहेंगे तथा इनका वेतन आहरण पूर्व की भांति प्रारंभिक शिक्षा विभाग से किया जाएगा।
- पदों को आदेश जारी होने की तिथि से प्रभावी माना जाएगा। इन पदों पर नियमानुसार सीधी भर्ती / पदोन्नति की रिक्तियों के लिए गणना की जा सकेगी।
- विद्यालय में कला संकाय एवं संकाय के तहत 3 ऐच्छिक विषयों का निर्धारण विद्यार्थियों की आवश्यकता एवं रूचि के आधार पर विद्यालय से प्रस्ताव प्राप्त कर प्रारम्भ किया जा सकेगा। यह प्रस्ताव विषय आवंटन के लिए इस कार्यालय को यथासमय आवश्यक रूप से प्रेषित करने होंगे।
- नवक्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में, प्रथम वर्ष में केवल ऐच्छिक विषय के व्याख्याता ही देय होंगे। हिन्दी, अंग्रेजी के शिक्षण के लिए व्याख्याता के स्थान पर वरिष्ठ अध्यापक मिलेंगे।
- नवक्रमोन्नत विद्यालय में नवसृजित व्याख्याताओं के पदों को भरे जाने तक वरिष्ठ अध्यापक संवर्ग में ऑपरेट किया जाएगा। लेकिन इन पदों की गणना सीधी भर्ती या पदोन्नति के लिए व्याख्याता संवर्ग में ही की जाएगी।