
A period of special worship will begin at Shaktipeeths from today; Navratri will be of ten days.
श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के साथ ही 22 सितबर से त्योहारी सीजन की शुरुआत होगी। इस बार नवरात्र 9 की बजाए 10 दिन के होंगे। नवरात्र सोमवार से शुरू होंगे। माता दुर्गा का आगमन गज (हाथी) पर होगा। मान्यता है कि हाथी पर माता का आगमन वर्ष को समृद्धि और शुभफल देने वाला होता है। माताजी की प्रतिमा को अपने घर व अन्य स्थान पर स्थापित करने के लिए दिन भर प्रतापनगर स्कूल के बाहर मेला लगा रहा।
अक्टूबर तक दीपावली व गोवर्धन पूजा और फिर शादियों के सीजन से बाजारों में रौनक बनी रहेगी। इसके लिए व्यापारी अभी से तैयारी में जुट गए हैं। नवरात्र से ही नए सामान, मकान व प्रतिष्ठानों के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। इसके चलते बाजारों में खरीदारों की भीड़ रहेगी। दीपावली तक त्योहारी खरीदारी का माहौल रहेगा और उसके बाद शादियों का दौर बाजारों को नई रफ्तार प्रदान करेगा।
साल में चार बार नवरात्र, शारदीय का महत्व सर्वाधिक
पंडित अशोक व्यास ने बताया कि इस बार तिथि वृद्धि के कारण नवरात्र एक दिन अधिक अर्थात 10 दिन के होंगे। इस बार 24 व 25 सितंबर को दोनों दिन तृतीया तिथि रहेंगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्र की तिथि बढ़ना शुभ माना जाता है।
शक्तिपीठों पर तैयारियां, घर-घर होगी घट स्थापना
शारदीय नवरात्र के दौरान क्षेत्र के सभी शक्तिपीठों पर घट स्थापना होती है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शहर के आराध्य स्थल बाबाधाम, चामुंडा माता मंदिर, दुर्गामाता के मंदिर समेत अन्य मंदिरों में
नवरात्र महोत्सव का आयोजन होगा, जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर में रंग रोगन का कार्य भी पूरा हो चुका है। मंदिरों को रोशनी से सजाया गया है। व्यास ने बताया कि 22 सिंतबर को शुभ मुहर्त में घट स्थापना होगी। प्रतिदिन सांयकाल महाआरती का आयोजन होगा। इसके अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने अपने घरों ही घट स्थापना कर माता की भक्ति में दस दिनों तक लीन रहेंगें।
नवरात्र से दीपावली तक रहेगी खरीदारी की धूम
जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र से ही खरीदारी शुरू होगी। पहले नवरात्र करने वालों कि खरीदारी फिर दीपावली की और देवउठनी एकादशी पर होने वाली शादियों की खरीदारी शुरू होने से बाजार में इस साल अच्छे कारोबार की उम्मीद है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
घट स्थापना शारदीय नवरात्रि आश्विन शुक्ल-1, 22 सितंबर प्रात: 6.30 बजे से 8 बजे तक अमृत वेला। 9.30 से 11 बजे तक शुभ वेला तथा अभिजीत 12.06 बजे से 11.55 बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त है।
यह होगी तिथि
Published on:
22 Sept 2025 09:28 am
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