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शांतिनाथ भगवान की रथयात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, स्वर्ण कलश से हुआ प्रथम अभिषेक

125 श्रावकों ने खींचा रथ, 135 महिलाओं की ध्वज यात्रा से सजा मार्ग इंद्र-इंद्राणी की मौजूदगी में संगीत की धुनों पर हुआ महामंडल विधान

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A wave of devotion swelled in the chariot procession of Lord Shantinath, the first abhishek was done with a golden urn

A wave of devotion swelled in the chariot procession of Lord Shantinath, the first abhishek was done with a golden urn

भीलवाड़ा शहर के शास्त्रीनगर क्षेत्र रविवार को जैन श्रद्धा, भक्ति और धार्मिक उल्लास का केंद्र बन गया। यहां हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से भगवान शांतिनाथ भगवान की भव्य रथ यात्रा निकाली गई। 125 श्रावक एक जैसी पोशाक में सिर पर साफा बांधे, बैंडबाजे की स्वरलहरियों व ढोल की थाप पर नंगे पांव रथ को खींचते हुए शास्त्रीनगर स्थित जैन मंदिर तक पहुंचे।

रथ में भगवान शांतिनाथ को विराजमान राजेंद्र व विरेंद्र छाबड़ा किया। इस यात्रा में 20 श्राविकाएं मुकुट धारण कर चंवर ढुलाती चल रही थी तो जैन धर्म की पांच रंगों की ध्वजाएं लिए महिलाएं पूरे मार्ग पर श्रद्धा भाव से साथ चलती रहीं। सबसे आगे 27-27 महिलाएं लाल, केसरिया, सफेद, हरे और नीले रंग की ध्वजाएं लिए आगे-आगे चल रही थीं।

मंदिर में ध्वजारोहण, शांतिनाथ भगवान की प्रतिष्ठा

रथ यात्रा के शास्त्रीनगर दिगंबर जैन मंदिर में प्रवेश के समय ध्वजारोहण हुआ। ध्वजारोहण शांतिदेवी, दिलीप, प्रवीण, नवीन चौधरी ने किया। तत्पश्चात मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान की वेदी पर 16वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ की प्रतिष्ठा की गई।

स्वर्ण पांडुशिला पर प्रथम अभिषेक किया

स्वर्ण पांडुशिला पर स्वर्ण कलश से प्रथम अभिषेक व शांतिधारा राजेंद्र, वीरेंद्र छाबड़ा तथा दूसरी और से अरुण जैन (बैंगलोर) ने की। पार्श्वनाथ भगवान पर शांतिधारा शांतिदेवी, मंजूदेवी, दिलीप, प्रवीण, नवीन चौधरी परिवार ने की। इससे पहले 20 श्रावक परिवारों ने भगवान शांतिनाथ का 1008 ऋद्धिमंत्रों से अभिषेक किया। इसमें मुनि अनुपमसागर और मुनि निर्मोहसागर महाराज के मुखारविंद से 100-100 मंत्रों का उच्चारण किया। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष प्रवीण चौधरी ने बताया कि भगवान को सिंहासन पर विराजमान करने का मौका सात परिवारों को मिला, वहीं 15 श्रावकों ने आभामंडल लगाने का पुण्य अर्जित किया।

इंद्र-इंद्राणी के सान्निध्य में हुआ महामंडल विधान

दोपहर को मंदिर परिसर में शांतिनाथ महामंडल विधान पूजन बड़े धूमधाम से आयोजित हुआ। मुनि अनुपमसागर और मुनि निर्मोहसागर महाराज के सान्निध्य में संगीत की मधुर धुनों के बीच पंडित आशुतोष शास्त्री द्वारा कमलेश जैन एंड पार्टी की संगीतमय प्रस्तुति पर पूजन विधि सम्पन्न कराई गई।