
भीलवाड़ा। घूस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़ा सहायक उपनिरीक्षक एवं गुलाबपुरा की 29 मील चौकी का प्रभारी नेतराम चौधरी रौबदार था। हाईवे का थाना और चौकी उसकी पहली पसंद थी। यही वजह रही कि वह लबे समय तक गुलाबपुरा में 29 मील चौकी प्रभारी रहा। यहां समय ज्यादा हुआ तो रायला थाने चला गया। घूमकर-फिरकर दो थानों में लबी ड्यूटी कर ली।
इसका बड़ा कारण कांग्रेस के बड़े नेता से सीधा सबंध था। इसी के चलते जो भी पुलिस अधीक्षक रहे, उनकी नेतराम की पोस्टिंग में नहीं चलती थी। नेतराम जहां चाहता था, वहीं उसे भेजा जाता था। एसपी केवल मुहर लगाते थे। इसके लिए कई बार एएसआई के लिए अलग से आदेश निकलता था। नेतराम लग्जरी गाड़ियों में घूमने का शौकीन है और उसके पास महंगी गाड़ियां है। इसके अलावा अपने सीनियर थानेदारों के घूमने-फिरने के लिए भी नेतराम गाड़ियां उपलब्ध करवाता था।
आठ दिन पूर्व ही परिवादी ने एसीबी से सपर्क कर लिया था। लेकिन तब नेतराम दो लाख रुपए और मांग रहा था। एसीबी ने पहले दो लाख रुपए देकर ट्रेप की योजना बनाई, लेकिन भनक लगने से नेतराम ने यह राशि नहीं ली। परिवादी के बार-बार दो की ऑफर करने से नेतराम सजग हो गया। उसके बाद एसीबी ने पैतरा बदला। दी गई पांच लाख की राशि में से पेमेंट दिलवाने का दबाव बनवाया। एसीबी के बुने जाल में नेतराम फंस गया। उसने एक लाख रुपए वापस लौटाने के लिए परिवादी को बुलाया और रिवर्स ट्रेप में गिरतार हो गया।
गुलाबपुरा पुलिस चौकी में पांच लाख की घूस राशि में से एक लाख रुपए लौटाते वक्त रविवार को पकड़ा गया सहायक उपनिरीक्षक नेतराम जाट एसीबी की प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपए का आसामी निकला। बिजयनगर में आरोपी के आलीशन मकान की कीमत करोड़ों में बताई गई। वहीं कई वाहनों का पता लगा है। इधर, आरोपी नेतराम को सोमवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। यहां न्यायालय ने दो दिन के रिमांड पर एसीबी को सौंप दिया।
एसीबी के एएसपी ब्रजराज सिंह चारण ने बताया कि आरोपी एएसआई जाट के बिजयनगर आवास की अजमेर एसीबी टीम ने रविवार रात तलाशी ली। अभी तक की जांच में खुलासा हुआ कि आवास आलीशान है और लागत करोड़ों रुपए में है। आरोपी के चार बैंक खाते और बिजयनगर में एक बैंक लॉकर्स का पता चला है। खातों से लेन-देन पर तत्काल रोक के लिए बैंक प्रबंधकों को लिखा है। मंगलवार को बैंक लॉकर्स खोला जाएगा।
एसीबी जांच में आरोपी नेतराम के पास लग्जरी कारें व अन्य वाहन होने का खुलासा हुआ है। जाट का बेटा उदयपुर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। एसीबी नेतराम जाट की जमीन जायदाद समेत अन्य संपति का भी ब्योरा जुटा रही है। गौरतलब है कि गुलाबपुरा 29 मिल पुलिस चौकी के प्रभारी व एएसआई जाट ने गत माह परिवादी से पांच लाख की घूस ली थी। ट्रेप होने के डर से रविवार को एक लाख रुपए परिवादी को वापस लौटा रहा था। तब चौकी परिसर में एसीबी ने पकड़ लिया।
एसीबी नेतराम की कुंडली खंगाल रही है। एसीबी को प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इसके तार मादक पदार्थ और शराब तस्करों से जुड़े हैं। इसलिए हाईवे की थाना-चौकी पसंद करता था। उधर, कौनसे मामले की फाइल अपने नाम करवानी है, यह वहीं तय करता था। थानाप्रभारी का इसमें कोई रोल नहीं होता था। मालदार मामले की फाइल ही अपने जिमे करवाता था।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एक जगह पांच साल की बाध्यता के कारण एएसआई कई बार जिला बदर हुआ। ऐसे में वह भीलवाड़ा छोड़कर निकटवर्ती अजमेर जिले में पहुंच गया। यहां भी बिजयनगर के निकट झड़वासा चौकी पकड़ ली। नसीराबाद थाने के अंतर्गत आने वाली झड़वासा चौकी भीलवाड़ा-अजमेर राजमार्ग पर है। गुलाबपुरा-रायला थाने में थानाप्रभारी कौन लगेगा, यहां भी नेतराम तय करता था। थानेदार लगाने के लिए नेताजी को एएसआई सिफारिश करता था।
Updated on:
04 Sept 2024 01:09 pm
Published on:
03 Sept 2024 10:43 am
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