
Action on dilapidated schools: Administration strict after magazine's news, rooms locked
झालावाड़ जिले में हुए स्कूल भवन हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद राजस्थान पत्रिका ने "तस्वीरें डराती हैं: जर्जर स्कूलों में पढ़ाई को मजबूर हमारा भविष्य" शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की। पत्रिका की इस खबर को गंभीरता से लेते हुए भीलवाड़ा जिला प्रशासन हरकत में आया। जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधु ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अरुणा गारू को तुरंत निरीक्षण के निर्देश दिए, जिसके बाद शनिवार सुबह जिले के सीबीईओ स्कूलों की हकीकत जानने मैदान में उतरे।
सुबह 7 बजे से शुरू हुआ निरीक्षण
शनिवार सुबह 7 बजे से जिले भर में स्कूल निरीक्षण का अभियान शुरू हुआ। एडीपीसी कल्पना शर्मा व सुवाणा के सीबीईओ डॉ. रामेश्वर प्रसाद जीनगर सहित अन्य सीबीईओ की टीमों ने अलग-अलग क्षेत्रों में स्कूलों का दौरा किया। इस दौरान करीब 9 स्कूलों में डेढ़ दर्जन से अधिक जर्जर कक्षों को सील किया गया।
इन स्कूलों में की गई कार्रवाई
एडीपीसी कल्पना शर्मा ने समसा के सहायक अभियंता राजकुमार मूंदड़ा के साथ रा.प्रा.वि. कवरपुरा, ओड़ा का खेड़ा, गाडरी खेड़ा, न्यू हाउसिंग बोर्ड शास्त्री नगर और कांवाखेड़ा स्कूलों का निरीक्षण किया। सभी स्थानों पर जर्जर कमरों को सील कर संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए कि वे इन कक्षों को जमींदोज कर नए कमरों के प्रस्ताव तत्काल भेजें। टीम ने सुवाणा, शाहपुरा, सहाड़ा, जहाजपुर, आसीन्द तथा मांडलगढ़ का निरीक्षण किया।
सील किए गए कमरों की स्थिति
सुवाणा सीबीईओ डॉ. जीनगर ने बताया कि उन्होंने जोधड़ास में 2, ओड़ा का बाडि़या में 2, मंगरोप स्थित महात्मा गांधी स्कूल व बालिका विद्यालय मंगरोप में 1-1 कक्ष को सील किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्कूल के बरामदों में भी बच्चों को बैठाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर ने दिए थे निर्देश
राजस्थान पत्रिका की खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला कलक्टर ने तत्काल जांच के आदेश दिए। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अरुणा गारू की अगुवाई में बनाई गई टीमों ने पूरे जिले में अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर निरीक्षण किया और आवश्यक कार्रवाई की।
Published on:
27 Jul 2025 09:17 am
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