
After the rain, Reiko remembered rainwater conservation
इस बार जिले में मानसून ने खूब मेहरबानी की। औसत से अधिक वर्षा दर्ज हुई और करोड़ों लीटर पानी बहकर बर्बाद हो गया। अब जब बारिश का दौर लगभग समाप्त होने को है, तभी रीको को वर्षा जल संरक्षण की याद आई है। रीको ने औद्योगिक इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने परिसर में अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएं।
500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर नियम लागू
रीको के वरिष्ठ उप महाप्रबन्धक एसके नेनावटी ने बताया कि भीलवाड़ा शहर के औद्योगिक क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर व उससे अधिक क्षेत्रफल वाली इकाइयों को मानक नियमों के अनुसार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करना होगा। उद्यमियों को सिस्टम बनाकर उसके दस्तावेज या फोटोग्राफ रीको कार्यालय में प्रस्तुत करने होंगे। ऐसा नहीं करने वाली इकाइयों पर नियमानुसार पेनल्टी लगाई जाएगी।
औद्योगिक संगठनों को लिखा पत्र
रीको ने विभिन्न औद्योगिक संगठनों को पत्र लिखकर उद्यमियों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। इनमें भीलवाड़ा सिंथेटिक वीविंग मिल्स एसोसिएशन, रीको ग्रोथ सेंटर उद्योग संस्था, जिला लघु उद्योग संघ औद्योगिक सम्पदा, लघु उद्योग भारती, मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन शामिल है।
भू-जल स्तर व पर्यावरण संरक्षण पर जोर
नेनावटी ने कहा कि जिन उद्यमियों ने पहले से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया हुआ है, वे इसे फंक्शनल करें ताकि मानसून के दौरान अधिक से अधिक वर्षा जल का संचय हो सके। इससे न केवल भू-जल स्तर बढ़ेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। जिले में अच्छी बरसात के बावजूद रीको ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग का मुद्दा मानसून खत्म होते-होते उठाया। हालांकि रीको ने साफ किया है कि नियमों की अनदेखी करने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नेनावटी का कहना है कि यदि सभी इकाइयां प्रभावी तरीके से वर्षा जल संचयन करें, तो आने वाले वर्षों में जिले की जल समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
Published on:
15 Sept 2025 09:35 am
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