
सुभाषनगर की शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तीन चिकित्सकों की नियुक्ति होने के बावजूद सोमवार को एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं होने से क्षेत्र के लोगों ने हंगामा मचा दिया।
भीलवाड़ा।
सुभाषनगर की शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तीन चिकित्सकों की नियुक्ति होने के बावजूद सोमवार को एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं होने से क्षेत्र के लोगों ने हंगामा मचा दिया। करीब एक घंटे की हंगामे के बाद प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने उपनियंत्रक देवकिशन सरगरा को स्वास्थ्य केन्द्र भेजा व लोगों को शांत कराया।
सुभाषनगर क्षेत्र के बाशिन्दों की पीड़ा है कि आरके कॉलोनी, आरसी व्यासनगर, सुभाषनगर, चपरासी कॉलोनी, राजपूत कॉलोनी के मध्य चिकित्सा सेवा के नाम पर ये एकमात्र स्वास्थ्य केन्द्र है। यहां रोज डेढ़ सौ से अधिक मरीज आते हैं। यहां तीन वर्ष से स्थाई चिकित्सक नियुक्त नहीं है। नर्सिग स्टाफ की भी कमी है। इस बारे में जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया पर स्थाई चिकित्सक नियुक्ति नहीं किया। सोमवार को यहां कुछ पेंशनर्स दवा लिखवाने पहुंचे तो वे चिकित्सक नहीं होने से नाराज हो गए। इसी बीच क्षेत्र के कुछ और लोग और बीमार परिजनों को लेकर यहां आ गए। वे भी चिकित्सक के नहीं होने से गुस्सा उठे। एेसे में यहां हंगामा हो गया।
लोगों ने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए खरी-खोटी सुनाई। पार्षद सीमा भी मौके पर आई और स्वास्थ्य केन्द्र पर डांवाडोल चिकित्सा व्यवस्था पर नाराजगी जताई। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को पार्षद व अन्यों ने दूरभाष के जरिए शिकायत की। इस पर उप नियंत्रक देवकिशन सरगरा स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे और रोगियों को देखा। इसके बाद ही लोग शांत हो सके। दूसरी तरफ प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसपी आगीवाल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र पर नियमित चिकित्सक की सेवा मिल सकें, इसके प्रयास किए जा रहे है। फिलहाल यहां के लिए अस्थाई व्यवस्था की जा रही है।
तीन वर्ष से यहां स्वास्थ्य केन्द्र में स्थाई चिकित्सक की नियुक्ति नहीं है । चिकित्सा प्रशासन ने यहां चिकित्सा सेवा नियमित बनी रहे, इसके लिए सोमवार को डॉ.कल्पना श्रीवास्तव, बुधवार को डॉ. रेखा सिंघवी व शुक्रवार को डॉ. दीपक गोयल की ड्यूटी लगा रखी है, लेकिन महात्मा गांधी चिकित्सालय के तीनों चिकित्सकों की ये नियुक्ति कागजी ही साबित हुई है।
Published on:
15 Jan 2018 10:38 pm
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