किए गए महत्वपूर्ण बदलाव अन्नपूर्णा भंडार योजना को सफल बनाने के लिए इस बार विशेष तैयारी की जा रही है। जयपुर स्थित खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम मुख्यालय पर बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता निगम के प्रबंध निदेशक राजेन्द्र वर्मा ने की। बैठक में वर्ष 2015 की असफलताओं से सबक लेते हुए आवश्यक बदलावों की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि अब स्थानीय जरूरतों के अनुरूप ही सामग्री की आपूर्ति की जाएगी। किसी दुकान पर जबरन खाद्य सामग्री नहीं भेजी जाएगी, बल्कि वहां के उपभोक्ताओं की मांगे के अनुसार ही भंडारण होगा।
अन्नपूर्णा भंडार पर यह मिलेगी सामग्री अन्नपूर्णा भंडार पर कोई भी उपभोक्ता चाहे, उसके पास राशन कार्ड हो या नहीं, गुणवत्तापूर्ण सामग्री खरीद सकेगा। इन भंडारों पर 10 से अधिक रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसमें खाद्य तेल, दालें, अचार, गुड़, बिस्किट, मसाले, साबुन, वॉशिंग पाउडर, माचिस आदि शामिल हैं। इन उत्पादों की बिक्री से राशन डीलरों को अतिरिक्त आय का स्रोत भी उपलब्ध होगा।
कम दाम में मिले खाद्य सामग्री तो अच्छा ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर फेडरेशन भीलवाड़ा के जिलाध्यक्ष संजय तिवारी का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2015 में भी यह योजना लागू की थी। इसे फिर से लागू करने जा रही है। अगर राशन की दुकानों पर बाजार से कम दाम पर व अच्छी क्वालिटी की खाद्य सामग्री मिलेगी तो ही यह योजना लाभकारी होगी। अन्यथा पहले की तरह फिर से बंद हो जाएगी।
सरकार ने प्रस्ताव मांगे अन्नपूर्णा भंडार योजना शुरू करने से पहले राशन डीलरों से सुझाव लिए गए हैं और योजना में कई जरूरी बदलाव भी किए गए हैं। प्रथम चरण में 25 दुकानों के प्रस्ताव आए थे वह सूची सरकार को भेज दी है।
अमरेन्द्र मिश्रा, जिला रसद अधिकारी भीलवाड़ा ————— फैक्ट फाइल
- 986- कुल राशन दुकानें
- 171-शहरी क्षेत्र की दुकानें
- 815-ग्रामीण क्षेत्र की दुकानें
- 980-सक्रिय दुकानें
- 4,05,251- कुल राशन कार्ड
- 14,49,070- कुल राशन यूनिट :
- 5000- प्रदेश में प्रस्तावित अन्नपूर्णा भंडार