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अन्नपूर्णा रसोई की पांचों गाडियां समय से पहले हटाई, सुबह का खाना ही दे रहे डीनर तक

अन्नपूर्णा रसोई योजना में दिनभर के खाने के मीनू एक ही परोसा जा रहा है

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जरूरतमंदों को रियायती दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई अन्नपूर्णा रसोई योजना में दिनभर के खाने के मीनू एक ही परोसा जा रहा है।

भीलवाड़ा।

जरूरतमंदों को रियायती दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई अन्नपूर्णा रसोई योजना में दिनभर के खाने के मीनू एक ही परोसा जा रहा है। इसे लेकर जब पत्रिका ने तहकीकात की तो रसोई में कार्यरत स्टाफ और प्रबंधन के बीच विरोधाभासी बयान सामने आए। बाद में प्रबंधन ने शहर में पांच स्थानों पर चल रही रसोई की सभी गाडि़यां निर्धारित समय रात साढे आठ बजे से पहले ही एक साथ हटा ली।

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राजस्थान पत्रिका ने सरकार की इस योजना की सोमवार को हकीकत जाननी चाही। इसके लिए सोमवार दोपहर में बड़ला चौराहा गाड़ी पर पहुंचे। यहां पांच रुपए में नाश्ता व आठ रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था। गाड़ी में बैठे स्टाफ ने पत्रिका टीम को बताया कि चित्तौडग़ढ़ के मांगरोल से खाना आता है। इसलिए अभी एक ही बार आ रहा है। जो लंच का मीनू है वही डिनर में भी है। टीम ने दोबारा बड़ला चौराहा, रेलवे स्टेशन, अजमेर चौराहा व रोडवेज बस स्टैंड का निरीक्षण किया। आश्चर्य की बात है कि आठ बजे से पहले इन सभी गाडि़यां नहीं मिली। पता चला कि सभी में खाना खत्म हो गया। इस कारण जरुरतमंदों को खाना भी नसीब नहीं हो सका।

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मांगरोल से आ रहा है खाना

अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत अभी चित्तौडग़ढ़ जिले के मांगरोल से खाना बनकर आ रहा है। कोटा के जीवन संबल चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से प्रदेश में इसका संचालन किया जा रहा है। मांगरोल में सेंट्रल किचन बनाया है। वहां से भीलवाड़ा का खाना बनकर आ रहा है।


अभी दो सौ प्लेट थी खत्म हो गई

पत्रिका ने जब ट्रस्ट के संचालक से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी शुरुआत में दो सौ प्लेट ही ला रहे हैं। यह खत्म हो गया। इसलिए गाडि़यां स्टैंड पर नहीं मिली। यहां खाना खाने वाले लोगों ने बातचीत में आशंका जताई कि सुबह का खाना ही शाम तक चलाया जा रहा है। जब ट्रस्ट संचालक से बातचीत की गई तो उन्होंने आठ बजे से पहले तीनों गाडि़यों को ये कहते हुए हटवा दिया कि खाना खत्म हो गया। अब सवाल ये है कि तीन गाडि़यों में एक साथ डिनर कैसे खत्म हो गया।

अभी चित्तौडग़ढ़ के मांगरोल से खाना बनकर आ रहा है। इसके बाद भीलवाड़ा में भी किचन बन जाएगा। लंच व डिनर में अलग-अलग मीनू है। अभी एक गाड़ी में दो सौ प्लेट ही भेजी थी। अब खाना भी बढ़ा दिया जाएगा।
गीतांजलि, प्रतिनिधि जीवन संबल चेरिटेबल ट्रस्ट

रिपोर्ट ली जाएगी
लंच व डिनर का मीनू अलग ही रखना होगा। मांगरोल से खाना आ रहा है तो जांच कराएंगे कि उसकी गुणवत्ता कैसी है। इसी तरह यदि आठ बजे से पहले रसोई की गाडि़यां हट जाती है तो भी गंभीर बात है। नगर परिषद आयुक्त से रसोइ्र्र संचालन की रिपोर्ट ली जाएगी।
मुक्तानंद अग्रवाल, कलक्टर