कोरोना से निजात पा चुके 57 फीसदी में नहीं बनी एंटीबॉडी
भीलवाड़ाPublished: Nov 28, 2020 11:10:51 pm
एमजीएच में प्लाज्मा देने आए 57 लोग, फिट पाए महज 25
Antibodies not made in 57 of corona patients in bhilwara
भीलवाड़ा।
जिले में करीब दस हजार लोग कोरोना संक्रमित हो चुके। इनमें बड़ी संख्या में लोग नेगेटिव भी हो गए लेकिन जिले में औसतन ५७ प्रतिशत कोरोना नेगेटिव हो लोगों में एंटी बॉडी विकसित नहीं हो पाई। यह आंकड़े एमजीएच के ब्लड बैंक में प्लाज्मा देने पहुंचे कोरोना फ्री लोगों की जांच में सामने आया। इनके शरीर में एंटी बॉडी विकसित नहीं हो पाई है। लिहाजा ये प्लाज्मा भी नहीं दे पाए। जिले में किसी भी डॉक्टर ने प्लाज्मा दान नहीं किया। उधर, एंटी बॉडी विकसित मानते कई नेगेटिव हो चुके मरीज लापरवाही बरतने लगे हैं। ऐसे लोगों क ो सचेत रहने की जरूरत है।
एमजीएच केब्लड बैंक में कोरोना मुक्त हो चुके लोगों से प्लाज्मा लेने को ५ सितम्बर से मशीन लगाई। पहले उनकी एंटीबॉडी जांची जा रही है। अब तक ५७ लोग प्लाज्मा देने आए। इनमें २५ ही प्लाज्मा दान देने लायक पाए गए यानी ४३ प्रतिशत कोरोना से फ्री हुए लोगों में एंटी बॉडी मिली।
०.७१ प्रतिशत आए आगे
जिले में अब तक ९७०० कोरोना संक्रमित हो चुके है। इनमें ८ हजार इलाज के बाद कोरोना मुक्त हो चुके है। एक मरीज फिर संक्रमित हो गया। ठीक हुए ८ हजार में से प्लाज्मा दान के लिए महज ०.७१ (५७) व्यक्ति आगे आए। इनमें ०.३१ प्रतिशत (२५ मरीज) ही प्लाज्मा दान के लिए फिट मिले।
४८ मरीजों के चढ़ा प्लाज्मा
ब्लड बैंक में जिन २५ लोगों ने प्लाज्मा दिया, उसे ४८ मरीजों को चढ़ाया गया। अब तक दान हुए प्लाज्मा से तैयार ४८ यूनिट में से सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को १२ व निजी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को १८ यूनिट प्लाज्मा दिया जा चुका है। वर्तमान में ब्लड बैंक में १८ यूनिट प्लाज्मा बचा है। इसमें बी पॉजिटिव के ७, ए पॉजिटिव के ४, ओ पॉजिटिव के ४, एबी पॉजिीटव का ३ यूनिट प्लाजा शामिल है।
एक से लेते ४०० एमएल
इच्छुक शख्स से ४०० एमएल प्लाज्मा लेते हैं। इससे २००-२०० एमएल की २ यूनिट बनाते हैं। मरीज को एक बार में २०० एमएल प्लाज्मा चढ़ाया जाता है। कई मरीजों की क्षमता नहीं होने पर उनसे २०० एमएल प्लाज्मा ही लेते हैं।
डॉ. अनिल लढ़ा,प्रभारी, ब्लड बैंकएमजीएच
आगे आना चाहिए
ब्लड बैंक में प्लाज्मा दान को आने वाले लोगों की एंटीबॉडी जांची जाती है। एंटीबॉडी विकसित होने पर ही प्लाज्मा लेते हैं। प्लाज्मा दान दो से तीन बार कर सकते हैं। यहां एक व्यक्ति ने दो बार प्लाज्मा दिया जबकि आशीष बापना ने चार बार प्लाज्मा दान किया। कोरोना मुक्त हो चुके हर व्यक्ति को प्लाज्मा देने आगे आना चाहिए।
डॉ. अंकुर गुप्ता, सहायक आचार्य, पैथोलॉजी