
बच्चे छोटे...अकेले नहीं संभाल सकती पत्नी, माता-पिता और सास-ससुर की करनी है सेवा
विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगते ही नाम कटवाने वालों में होड़ लग गई। जिला निर्वाचन अधिकारी के पास रोज प्रार्थना पत्र आ रहे हैं। इनमें तरह-तरह के कारण बता ड्यूटी से मुक्त करने की गुहार लगाई जा रही है। अब तक कुल 115 प्रार्थना पत्र आ चुके हैं। इनमें शिक्षा विभाग से सर्वाधिक आवेदन हैं। इन 115 में से 52 आवेदन को जांच के लिए पीएमओ के पास भेजा है। इसमें ड्यूटी से मुक्ति के लिए कोई बीमारी की बात कह रहा है तो किसी को वृद्ध माता-पिता की सेवा करनी है। ड्यूटी कटवाने के लिए कई कर्मचारी मंत्री तो कई अन्य रसूखदारों के जरिए जुगाड़ लगाकर कलक्ट्रेट पहुंच रहे हैं।
केस-1
शाहपुरा क्षेत्र के एक शिक्षक का तर्क है कि माता-पिता बुजुर्ग है। तबीयत भी ठीक नहीं रहती। एक दिन भी नहीं छोड़ सकता। उनकी सेवा करनी है।
केस-2
गुलाबपुरा क्षेत्र के शिक्षक का तर्क है कि खुद हृदय रोगी हूं। इसी साल जनवरी में स्टंट डाला गया है। डॉक्टर ने आराम की सलाह दी है।
तरीका आजमा रहे
ड्यूटी कटवाने को कई कर्मचारी निजी अस्पताल व डॉक्टरों से लंबी बीमारी व इलाज का पर्चा ला रहे हैं। कुछ ने रिश्तेदारी में शादी के कार्ड भी लगाए हैं।
इन अर्जियों पर भी विचार
नवंबर में खूब सावे हैं। मतदान 25 नवंबर होने से कई परिवार में शादी-मायरे का तर्क दे रहे हैं। ऐसी अर्जियों पर प्रशासन विचार कर रहा है।
ड्यूटी निरस्त करने के लिए दे रहे अलग-अलग तर्क
हार्ट पेशेंट हूं। अभी स्टंट लगा है।
किडनी खराब है।
परिवार में किसी का निधन हो गया।
मेरे परिजन को कैंसर है।
सास-ससुर बुजुर्ग हैं। उनको दवा देने व सेवा करने वाला कोई नहीं है।
पत्नी गर्भवती हैं। बच्चों को स्कूल भेजने व घर का सारा काम मुझे करना होता है।
माता-पिता घर में अकेले हैं। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।
किसी भी तरह का तनाव लेने से डॉक्टर ने मना किया है।
बच्चे छोटे हैं, पत्नी अकेली नहीं संभाल सकती।
पीएमओ को भेजे 52 आवेदन
चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें 52 की जांच पीएमओ से कराई जा रही है।
-मोहनलाल खटवानिया, सीईओ जिला परिषद
Published on:
18 Oct 2023 06:19 pm
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