साईनाथ धाम के मामले से उठा बैंक घोटाले का पर्दा
भीलवाड़ा महिला अरबन बैंक ऋण घोटाला एक नजर

भीलवाड़ा।
भीलवाड़ा महिला अरबन को-आपरेटिव बैंक में ऋण घोटाले का खुलासा वर्ष २०१६ के शुरूआती दिनों में ही हो गया था ५ मई २०१६ को कोतवाली में दर्ज हुए मामले की एसओजी जांच में यह घोटाला ५० करोड़ का निकला। एसओजी पूर्व में बैंक के वित्तीय सलाहकार रविन्द्र बोरदिया को गिरफ्तार कर चुकी है।
- २२ फरवरी २०१६ को साईनाथ डवलपर्स के मामले को लेकर रविन्द्र बोरदिया के शास्त्रीनगर स्थित घर हंगामा हुआ था। उसी प्रकरण के बाद बैंक में हुए घोटाले का मामला सामने आया था।
- फर्जी ऋण को लेकर पहला मामला मंगलपुरा के कन्हैयालाल कीर ने ३ मार्च २०१६ को शहर कोतवाली में दर्ज कराया। यह मामला करीब ७५ लाख का फर्जी ऋण का था।
- ९ मार्च २०१६ को एफडी पर भुगतान पर रोक लगा थी
- १८ अगस्त २०१८ में आरबीआई ने बैंक में लेनदेन पर रोक लगा दी थी।
- ३१ अगस्त २०१८ को आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
- ४ सितम्बर २०१८ को सहकारी विभाग के रजिस्ट्रार ने लिक्विडेटर नियुक्त कर दिया था।
- वर्तमान में खाताधारक को एक-एक लाख की राशि दी जा रही है।
साईनाथ डवलपर्स से उठा पर्दा
पुलिस के अनुसार साईनाथ धाम डवलपर्स प्रा. लि. में १२५० लोगों को भूखण्डे देने थे। लेकिन किसी को नहीं मिले तो कुछ लोगों रविन्द्र बोरदिया के घर पर रात को हंगामा किया था। गुजरात के एक कम्पनी के साथ मिलकर रविन्द्र बोरदिया समेत अन्य लोग भूखण्ड देने का काम शुरू किया। आरोप है कि इस भूखण्डों पर बैंक के फर्जी लोन तक उठाए गए थे। इस मामले में हुए एक समझौते के बाद ८०० लोगों को भूखण्ड व राशि लौटा दिए थे। लेकिन आज भी लगभग ३०० से अधिक लोगों के भूखण्डों का आवंटन बकाया चल रहे है।
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