
शहर की सफाई पर 7 करोड़ का खर्चा, 1300 कर्मचारी की फौज, फिर भी सफाई नहीं
शहर की सफाई व्यवस्था पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद हालात ठीक नहीं है। इसी का कारण रहा कि भीलवाड़ा सफाई रैकिंग में गत दिनों औरे नीचे के पायदान पर आया है। हाल ही जारी सफाई रैकिंग में देश में भीलवाड़ा का स्थान 328 नम्बर था, वहीं प्रदेश में 15वां रहा। जबकि शहर की सफाई व्यवस्था के लिए नगर परिषद में सफाईकर्मियों की 1300 की फौज है। इसके अलावा कई प्रकार के टेंडर पर होने वाले सालाना करोड़ों रुपए के बावजूद हालात ठीक नहीं है।
कचरे का ठोस निस्तारण नहीं
सफाई में पिछड़ने का कारण समय पर कचरे का निस्तारण नहीं होना है। सर्वे में लोगों ने जो देखा वही जवाब दिया। इससे भीलवाड़ा पिछड़ गया। जबकि शहर में सफाईकर्मियों के अलावा डोर-टू- डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था भी है। लेकिन इस व्यवस्था में कई कमियां है। कई जगह संग्रहण वाहन ही नहीं जा रहे हैं। कई वाहन तो एक चक्कर काटकर वापस नहीं आते। इस व्यवस्था में सुधार के लिए नगर परिषद को कोई सख्त कदम नहीं उठाया। ऐसे में लोगों को शहर में जहां जगह मिल रही है वहां ही कचरा डाल रहे हैं।
70 वार्ड में 13 जोन
नगर परिषद ने शहर के 70 वार्ड को सफाई के मध्यनजर 13 जोन में बांट रखा है। इसमें 13 जमादार है। यह जमादार सफाईकर्मियों से सुबह और शाम की शिफ्ट में सफाई कराते हैं। वहीं नगर परिषद के पास 100 कचरा वाहन, जेसीबी, डम्पर, 15 ट्रैक्टर, किराए की जेसीबी, कचरा बॉक्स उठाने के वाहन, जेट मशीन उपलब्ध है। इनमें तनख्वाह तथा मरम्मत समेत अन्य पर सालाना करीब 7 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।
सफाई कर्मी बन गए बाबू
नगर परिषद के कई सफाईकर्मी बाबू बना दिए गए हैं। ऐसे में शहर में सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई है। शहर की सफाई मामले में नगर परिषद के प्रबंधन की कमी है। ठोस कचरा प्रबंधन और संग्रहण में अनदेखी के चलते भीलवाड़ा प्रदेशः में पिछड़ रहा है। वहीं शहर की सफाई व्यवस्था भी गड़बड़ाई हुई है। अब नगर परिषद नए सिरे से कार्य योजना बना रहा है। इसके लिए 5 करोड़ के वाहन भी खरीदे जा रहे है।
कर रहे सफाई व्यवस्था में सुधार
शहर में सफाई व्यवस्था में सुधार कराया जा रहा है। कचरा संग्रहण में मिली कमियों पर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही सुधार होगा।
हेमाराम चौधरी, आयुक्त नगर परिषद भीलवाड़ा
Published on:
24 Feb 2024 09:51 am
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