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Campign: शहर में 25 किलर पॉइंट, ना संभले तो खतरा

हर रोज दस नई कारें सड़कों पर दुपहिया वाहनों की तो भरमार है लेकिन यातायात नियमों की पालना में हम अभी पीछे

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वस्त्रनगरी में हर रोज दस नई कारें सड़कों पर उतर रही है। दुपहिया वाहनों की तो भरमार है। वाहनों की संख्या बढ़ी, लेकिन यातायात नियमों की पालना में हम अभी पीछे हैं।

भीलवाड़ा।

वस्त्रनगरी में हर रोज दस नई कारें सड़कों पर उतर रही है। दुपहिया वाहनों की तो भरमार है। वाहनों की संख्या बढ़ी, लेकिन यातायात नियमों की पालना में हम अभी पीछे हैं। यही वजह है कि हर रोज शहर की सड़कें खून से लाल हो रही है। शहरी क्षेत्र में करीब 25 एेसे किलर पाइंट है जहां आप खुद सावचेत नहीं रहे तो कभी भी हादसा हो सकता है। सड़कों पर पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। कई स्थानों पर लोगों ने मनमर्जी के गति अवरोध बना रखे है। आधे अधूरे डिवाइडर है यही वजह है कि आए दिन दुर्घटनाएं होती है। राजस्थान पत्रिका इस अभियान के माध्यम से आपको इन खतरें वाले पाइंट से रूबरू कराएगा। साथ ही बताएंगे इनका समाधान बताएंगे ताकि शहर की जनता सुरक्षित रह सके।


यहां भी रखनी होगी सावधानी

गंगापुर चौराहा, रेलवे फाटक, आजादनगर चौराहा, सांगानेरी गेट, रामधाम चौराहा, राजीव गांधी चौराहा, गायत्री आश्रम चौराहा, गौरव पथ व प्रगति पथ पर एंट्री करते समय भी खतरा रहता है। इन सब पाइंट पर कोई संकेतक नहीं है।


बेखबर जिम्मेदार
यातायात पुलिस: शहर में किलर पाइंट पर लोग सुरक्षित रहे इसके लिए यातायात पुलिस को प्रयास करना चाहिए। स्थिति यह है कि इन्हें चालान बनाने से ही फुर्सत नहीं है। ट्रेफिक लाइट्स लगी है लेकिन पूरा संचालन नहीं है। दुर्घटना रोकने में इनका कोई प्रयास नजर नहीं आता है।
नगर परिषद: शहर में जहां भी किलर पाइंट है वहां नगर परिषद यातायात संकेतक लगा सकती है। इसके लिए यातायात सलाहकार समिति की बैठक में निर्णय भी होते हैं लेकिन इसकी पालना नहीं की जाती है। जबकि शहर के विकास के साथ ही आमजन का सुरक्षित रहना भी जरूरी है।
परिवहन विभाग: केवल सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर खानापूर्ति होती है। यातायात सलाहकार समिति की बैठक के फैसलों पर कैसे अमल हो इस पर कभी चर्चा नहीं। इनका काम केवल वाहन पंजीकरण तक सीमित रह गया।
एनएचएआई : हाइवे पर जहां भी खतरें के पाइंट है वहां एनएचएआई की ओर से बोर्ड लगाना जरूरी है। जबकि अधिकांश जगह एेसा नहीं है। लोगों को जागरुक करने के लिए गतिविधियां होती है लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है।


ये हैं प्रमुख किलर पाइंट, जहां रखनी है सावधानी
01. अजमेर तिराहा- यहां ओवरब्रिज से आने वाले वाहनों की स्पीड तेज होती है। कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है। इससे आए दिन हादसे होते हैं। ट्रेफिक लाइट भी नहीं लगी है। यहां सब्जी मंडी होने से खतरा कही अधिक बढ़ गया है। ओवरब्रिज पर टर्न करते वक्त आए दिन हादसे होते हैं।
02. यूआईटी के बाहर-यहां तीन प्रमुख कॉलोनियों का रास्ता जाता है। एेसे में वाहनों की आवाजाही ज्यादा है। आसपास में कचोरी की स्टाल, ठेले व सड़कों पर वाहन खड़े रहने से आए दिन दुर्घटनाएं होती है।
03.बडला चौराहा- शास्त्रीनगर का व्यस्तम चौराहा होने के बावजूद यहां यातायात व्यवस्था डांवाडोल रहती है। समीप ही कॉलेज होने से विद्यार्थियों के वाहनो की गति भी बेलगाम रहती है।
04. सर्किट हाउस चौराहा-यहां पुलिस ने अधूरे डिवाइडर बनाए हैं। कोई यातायात संकेतक भी नहीं है। चालक यहां टर्न करते समय असमंजस में रहते हैं। यही वजह है कि हर रोज यहां दुर्घटना होती है।
05. रेलवे अंडरब्रिज-आजादनगर से आने वाले वाहन व चित्तौड़ रोड के वाहन यहां क्रॉस होते हैं। साथ ही अंडरब्रिज से आने वाले वाहनों की गति भी तेज होती है। इसका समाधान नहीं करने से हर वक्त खतरा रहता है।
06. नगर परिषद चौराहा-यहां ट्रेफिक लाइट्स लगाई लेकिन कुछ दिन चलने के बाद बंद हो गई। यह प्रमुख चौराहा है और सिटी की प्रमुख कॉलोनियों की एंट्री यहां होती है। एेसे में दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
07. सूचना केंद्र चौराहा-इस चौराहे पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। बेतरतीब खड़े वाहन व पुलिसकर्मियों के मौजूद नहीं रहने से लोग गलत साइड से क्रॉस करते हैं। इससे रोज दुर्घटना होती है।
08. पांसल चौराहा-भारी वाहनों की आवाजाही ज्यादा है। पूरा आबादी क्षेत्र है। कोई स्पीडबे्रकर भी नहीं है। तेज गति से वाहन आते हैं, एेसे में क्रॉस करते समय खतरा रहता है। आए दिन दुर्घटना होती है।
09. टेक्सटाइल कॉलेज के बाहर-कुंभा सर्किल से पांसल चौराहा तक आने वाली सड़क पर अधिकांश जगह डिवाइडर टूट गया है। एेसे में दुपहिया वाहन चालक कहीं से भी टर्न कर लेते हैं। यही वजह है कि दुर्घटना ज्यादा होती है।
10. समोडी चौराहा-यह सिटी के पास सबसे खतरनाक पाइंट है। यहां वाहन क्रॉस करते समय मामूली चूक होते ही हादस हो जाता है। यहां कोई बोर्ड भी नहीं लगा हुआ है।

समीक्षा करेंगे
शहर में जो भी ब्लेक स्पोट्स चिन्हित किए गए हैं वहां यातायात संकेतक लगे यह सुनिश्चित कराएंगे। जिला यातायात सलाहकार समिति की बैठक में जो निर्णय लिए उसकी पालना हुई या नहीं इसकी समीक्षा करेंगे। लोगों को जागरुक करने के लिए भी सभी विभागों को निर्देशित करेंगे।
मुक्तानंद अग्रवाल, कलक्टर