
Bhilwara News: भीलवाड़ा के माइंस कारोबारी का आरोप है कि करेड़ा क्षेत्र के रघुनाथपुरा स्थित उसकी खान से षड्यंत्रपूर्वक खनन के काम आने वाली भारी मशीन एक्सकेवेटर, डम्पर सहित करोड़ों रुपए के उपकरण चुरा लिए गए। उसने भीलवाड़ा के थाने से लेकर पुलिस मुख्यालय तक प्रकरण दर्ज कराने की गुहार लगाई। उसका आरोप है कि मामले से पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आई बटालियन) आनंद श्रीवास्तव के भाई अरविंद श्रीवास्तव के जुड़े होने के कारण किसी ने सुनवाई नहीं की। अंततः उसने अदालत में फरियाद की।
अब शुक्रवार को करेड़ा थाना पुलिस ने अदालत के आदेश पर हाल बनीपार्क जयपुर निवासी अरविंद श्रीवास्तव, मथुरा निवासी श्यामसुंदर गोयल, गाजियाबाद निवासी चन्द्रकांत शुक्ला व जोचपुर निवासी राजकुमार विश्नोई, जयपुर निवासी जितेन्द्र धाबाई के खिलाफ खनन क्षेत्र में धोखाधड़ी से जबरन घुसकर खनन के काम आने वाली मशीनें चुराकर खुर्दबुर्द करने का मामला दर्ज किया है।
इस मामले पर पत्रिका ने एडीजी आनंद श्रीवास्तव से सम्पर्क करके उनका और उनके भाई का पक्ष जाना। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला मेरी जानकारी में नहीं है।
जोशी का आरोप है कि मूलतः वाराणसी हाल जयपुर निवासी अरविंद श्रीवास्तव ने मनीष धाबाई के रूप में भी छद्म पहचान बना रखी है। उनके बड़े भाई आनंद श्रीवास्तव राजस्थान के चर्चित पुलिस अफसर हैं। कांग्रेस शासन में भाजपा श्रीवास्तव पर लगातार हमलावर रही थी। हालांकि राज्य में सत्ता बदलने से ठीक पहले कांग्रेस सरकार ने उन्हें जयपुर पुलिस कमिश्नर के पद से पदोन्नत करके अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के तौर पर राज्य की कानून व्यवस्था संभला दी। भाजपा के शासन में आते ही उन्हें एडीजी (आर्म्स बटालियन) लगा दिया गया।
प्रकरण में नामजद एक आरोपी अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्करी प्रकरण में भी चर्चित हो चुका है। जयपुर पुलिस ने 2003 में मूर्ति तस्करी के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का खुलासा किया। इस मामले में करीब 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया। करीब 348 प्रतिमाएं 73 पेंटिंग्स, 100 हथियार, 353 अन्य वस्तुएं बरामद भी हुई। हालांकि बाद में पुलिस अनुसंधान में उजागर हुई खामियों के कारण इस मामले में अदालत ने मुख्य आरोपी वामन नारायण घीया की सजा खारिज कर दी थी।
परिवादी जोशी ब्लैक माउंट ग्रेनाइट्स के डायरेक्टर हैं। उनकी रघुनाथपुरा में दो खदान हैं। यहां मशीनों से ग्रेनाइट का खनन होता है। आरोप है कि श्रीवास्तव, गोयल, शुक्ला, विश्नोई और वाबाई ने 2018 से जनवरी 2021 के बीच षड्यंत्रपूर्वक उसकी माइंस में काम आने बाली एक्सकेवेटर मशीन, डम्पर, दो डीजल एयर कम्प्रेशर, दो लेथ व दो टेक मशीनों को खदान परिसर से चुरा लिया। जोशी के अनुसार, आरोपियों ने उक्त मशीनरी को उदयपुर पहुंचा दिया। साथ ही एक्सकेवेटर मशीन को केरल में खुर्दबुर्द किए जाने का भी अंदेशा है।
जोशी इससे पहले पूर्व राजस्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता रामलाल जाट व अन्य के खिलाफ भी माइंस से जुड़े एक मामले में प्रकरण दर्ज करवा चुके हैं। जोशी का आरोप है कि रामलाल जाट और वरिष्ठ पुलिस अफसर के दखल के कारण कांग्रेस शासन में पुलिस ने उसकी सुनवाई नहीं की। कांग्रेस तो सत्ता से चली गई लेकिन वरिष्ठ पुलिस अफसर के पुलिस मुख्यालय में बैठे होने के कारण उसकी भाजपा शासन में भी सुनवाई नहीं हुई। अंततः उसने अदालत की शरण ली।
Updated on:
06 Oct 2024 09:13 am
Published on:
06 Oct 2024 08:51 am
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