अलग राज्य की मांग लोकतंत्र में गलत नहीं है। उत्तरांचल व जम्मू कश्मीर केन्द्र के अधीन है। ऐेसे ही अलग राज्य बनाने से किसी और पर आश्रित रहना होगा। क्षेत्र का विकास जिस गति से होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। आज भी भौतिक विकास केवल शहरों में हो रहा है। गांवों या दूरदराज क्षेत्र में बिजली व शिक्षा तक नहीं पहुंच पाई है।
मालूम हो, दतिया जिले के घूघसी में जन्मे शर्मा का बचपन कठिनाइयों से भरा रहा। झाबुआ में शिवगंगा बहाकर आदिवासी समुदाय के उत्थान में जुट गए। इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। शर्मा ने शिवगंगा संगठन के माध्यम से ‘विकास का जतन!’ जल और जंगल के संरक्षण के लिए काम किया। शर्मा ने बताया कि संवर्धन से समृद्धि’ के माध्यम से जल, जंगल, ज़मीन, जानवर और जन के लिए काम किया। शर्मा के आरके कॉलोनी स्थित छैल बिहारी के आवास पर पहुंचने पर आरोग्य साधना आश्रम के अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा व छैल बिहारी व अन्य लोगों ने स्वागत किया। शर्मा ने कहा कि सवर्णों व दलितों के बीच बड़ी खाई है। इसे पाटना या समाप्त करना आसान नहीं है। सवर्ण केवल भील समाज को कपड़े के आधार पर आकलन करता है जो गलत है।