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Bhilwara news: अंक इन्द्राज का कोई विकल्प नहीं है शाला दर्पण पर, कैसे दर्ज करें अंक

- संस्था प्रधानों में ऊहापोह की स्थिति, बिना विकल्प कैसे करे अंकों का इन्द्राज

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There is no option for entering marks on Shala Darpan, how to enter marks

There is no option for entering marks on Shala Darpan, how to enter marks

Bhilwara news: इन दिनों शाला दर्पण पर अंक इन्द्राज का विकल्प नहीं होने से इंद्राज नहीं हो पा रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के आदेशों को लेकर विद्यालयों के संस्था प्रधान ऊहापोह की स्थिति में है। आलम यह है कि विभाग के अधिकारी न केवल आदेश, बल्कि उन आदेशों का स्मरण पत्र तक संस्था प्रधानों को जारी कर आदेशित कर रहे हैं। संस्था प्रधानों का कहना है कि राज्य स्तरीय जिला समान अर्द्धवार्षिक परीक्षा का आयोजन दिसंबर माह में हुआ था। इसके प्राप्तांकों का इन्द्राज शाला दर्पण पर किया जाना है। प्रथम और द्वितीय परख परीक्षा के अंक तो पूर्व में शाला दर्पण पर इन्द्राज किए जा चुके हैं, लेकिन अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंकों का इन्द्राज करने का कोई ऑप्शन शाला दर्पण पर अभी नहीं आया है। इसके चलते उसमें प्राप्तांकों का इन्द्राज नहीं किया जा सकता, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों के आदेशों के हवाले से जिला शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी विद्यालय संस्था प्रधानों को आदेश जारी कर रहे हैं और उन्हें इन अंकों को दर्ज कर पोर्टल पर अंक प्रविष्टी का प्रमाण पत्र भिजवाने की बात कर रहे हैं। संस्था प्रधानों के सामने ऊहापोह की स्थिति है कि वो बगैर विकल्प के कैसे अंकों का इन्द्राज करें और कैसे इस बात का प्रमाण-पत्र अधिकारियों को प्रेषित करें।

आदेशों पर आदेश

आदेशों का सिलसिला शिक्षा मंत्री की वीसी से शुरू हुआ। वीसी के माध्यम से इस आशय के आदेश जारी हुए। उसके बाद शिक्षा निदेशालय बीकानेर की ओर से 29 जनवरी को आदेश दिए कि अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं से सम्बन्धी समस्त उत्तर पुस्तिकाओं के 31 जनवरी 2025 तक मूल्यांकन की कार्रवाई करवाते हुए सम्बंधित अंकों को शाला दर्पण पोर्टल पर अद्यतन करने की कार्रवाई की जाए और इसका प्रमाण पत्र भी भेजा जाएं। निदेशक के आदेश के बाद संयुक्त निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया और इस कार्य को 31 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश जारी किए। संयुक्त निदेशक के बाद जिला शिक्षा अधिकारी और उसके बाद ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से भी इस सम्बन्ध में संस्था प्रधानों को आदेश जारी किए गए।