जानकारी के अनुसार, खेजडि़या निवासी सुनील कुमार बलाई व दीपक कुमार बलाई ने आरोप लगाया था कि 19 मई की रात उरणा से कारीगरी का काम कर बाकरा जा रहे थे। बाकरा व उरणा के बीच रास्ते में पुलिसकर्मी बजरी के ट्रैक्टर को थाने ले जा रहे थे। रास्ते में गाड़ी रोककर बजरी माफिया से पुलिसकर्मियों ने बीयर की दो कैन ली। पुलिसकर्मियों को शराब लेते दोनों श्रमिकों ने देख लिया। श्रमिकों के पीछे गाड़ी भगाकर पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। उनसे मारपीट की। मोबाइल छीन लिए और बजरी माफिया को दे दिए। धमकी दी कि शराब वाली बात किसी को नहीं बताए। कुछ देर बाद मोबाइल लौटा दिए। दोनों पुलिकर्मियों ने वहां खड़े होकर बीयर पी। इस दौरान थाने की जीप आने पर उनको भी मारपीट के बारे के बताया लेकिन अनसुनी कर भगा दिया। एसपी ने मामले की जांच डीएसपी को सौपी थी। इस पर डीएसपी ने पीडि़तों को बुलाकर उनके बयान लिए।
इनका कहना है
बजरी से भरे ट्रैक्टर को थाने लाते समय दोनों युवक वाहन के आगे-पीछे घूम रहे थे। उनको रोककर मोबाइल की जांच की तो उसमें ट्रैक्टर चालकों के नम्बर मिले। दोनों चालकों से बात कर पुलिस की लोकेशन दे रहे थे। सिपाहियों पर मारपीट करने और बीयर लेने का आरोप निराधार है।
– राजूराम काला, थानाप्रभारी, शक्करगढ़