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भीलवाड़ा में डीजीजीआई की बड़ा छापा : रत्नाकर ग्रुप में 29 करोड़ की टैक्स चोरी उजागर

- फर्जी बिलिंग से करोड़ों का घोटाला, पूर्व राजस्व मंत्री के रिश्तेदार पर शिकंजा - महावीर ट्रेडिंग सिंडिकेट से जुड़ी कड़ी, चार ठिकानों पर जब्त दस्तावेज व नकदी

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Big raid by DGGI in Bhilwara: Tax evasion of Rs 29 crore exposed in Ratnakar Group

Big raid by DGGI in Bhilwara: Tax evasion of Rs 29 crore exposed in Ratnakar Group

डायरेक्ट्रेट जनरल जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की जयपुर जोनल यूनिट ने भीलवाड़ा में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए रत्नाकर ग्रुप की ओर से किए गए 29 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पर्दाफाश किया। जांच में सामने आया कि ग्रुप ने फर्जी चालानों के सहारे करोड़ो रुपए का घोटाला कर सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंचाया। इसका टैक्स लगभग 75 से 80 करोड़ रुपए बनता है। रत्नाकर ग्रुप के मालिक शंकरलाल जाट, जो कि पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के रिश्तेदार हैं, के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई।

चार ठिकानों पर एक साथ दबिश

डीजीजीआई की टीम ने भीलवाड़ा शहर व आसपास के चार प्रमुख ठिकानों पर छापेमारी की। गांधीनगर स्थित कार्यालय, जाटों का खेड़ा स्थित दो आवास तथा समोड़ी चौराहा स्थित सरिया फैक्ट्री शामिल हैं। छापेमारी के दौरान नकदी, बही-खाते, फर्जी बिल और ई-वे बिल से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त किए। अधिकारियों को करोड़ों रुपए का माल बिना बिल बेचने के सबूत भी मिले।

महावीर ट्रेडिंग से जुड़ा नेटवर्क

जांच में खुलासा हुआ कि रत्नाकर ग्रुप ने महावीर ट्रेडिंग कम्पनी से फर्जी बिलिंग और गुप्त क्लियरेंस सेवाएं ली थीं। वास्तविक माल आपूर्ति को छिपाया गया। फर्जी चालानों से माल ट्रांसपोर्ट कर बाहर भेजा गया गया। टैक्स चोरी कर अवैध कमाई की।

गौरतलब है कि महावीर ट्रेडिंग सिंडिकेट पर पहले 706 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला उजागर हो चुका है। इसमें 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी और फर्जी जीएसटीआईएन नंबर, हवाला लेनदेन तथा बिना ई-वे बिल माल परिवहन जैसी गंभीर गड़बड़ियां सामने आई थीं। बताया जा रहा है कि पूर्व में शंकर जाट के परिवार के घर डीजीजीआई की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी तो उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ था। इसके चलते टीम बिना कार्रवाई के लौट गई थी। इस घटना की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए ही आज बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता साथ लाए थे।