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budget 2021-जीएसटी की प्रक्रिया हो सरल, पेट्रोल-डीजल भी दायरे में लाएं

locationभीलवाड़ाPublished: Jan 26, 2021 02:34:19 pm

Submitted by:

Suresh Jain

बजट परिचर्चा का लोगो लगाएं

budget 2021-जीएसटी की प्रक्रिया हो सरल, पेट्रोल-डीजल भी दायरे में लाएं

budget 2021-जीएसटी की प्रक्रिया हो सरल, पेट्रोल-डीजल भी दायरे में लाएं

भीलवाड़ा।
केन्द्रीय व राज्य सरकार की ओर से अगले माह आने वाले बजट को लेकर शहर के कर सलाहकारों का मानना है कि इस बार जीएसटी का सरलीकरण किया जाना चाहिए। इनकम टैक्स में भी छूट सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। उम्मीद है कि इस बजट में रसोई के बजट को हल्का किया जाएगा। बढ़ती महंगाई से हर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, इसलिए इस बार बजट में महंगाई पर नियंत्रण कैसे हो, इस पर विचार होना चाहिए।
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उद्योग व व्यापार मंदी से गुजर रहा है। इस पर सरकार को और अधिक ध्यान देने की जरुरत है, ताकि रोजगार के अवसर सृजित हो सके। रियल एस्टेट व टेक्सटाइल को विशेष पैकेज मिले। निर्यात के लिए भी अनुदान मिले। महंगाई पर नियंत्रण के लिए डीजल व पेट्रोल की कीमत कम हो।
संजय सोमानी, कंपनी सचिव
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80 सी की सीमा बढ़ाई जाए, जिससे मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा। सरकार को जीएसटी के सरलीकरण की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। विसंगतियों को खत्म करके टैक्स दर को समान किया जाए, इससे अनावश्यक कागजी कार्यवाही खत्म होगी। जीएसटी रिफंड को तेजी से प्रोसेस करने की प्रक्रिया बनाई जाए।
कमलेश आंचलिया, सीए
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इनकम टैक्स में कंपनियों पर 25 प्रतिशत टैक्स है, जबकि व्यक्तिगत में उच्चतम 30 प्रतिशत टैक्स है। इसे भी कम करके कम से कम 25 प्रतिशत किया जाना चाहिए। निचले स्तर पर 5 लाख तक की छूट की जानी चाहिए ताकि आम लोगों को राहत मिल सके।
ओपी डाड, सीए
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केंद्रीय बजट में विशेष रूप से पेट्रोल व डीजल की प्रतिदिन बढऩे वाले मूल्य को रोकना अतिआवश्यक है। इसे जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए ताकि पूरे देश में एक ही मूल्य हो। जीएसटी पोर्टल को और अधिक सुधारने की आवश्कता है। राज्य बजट में स्टाम्प ड्यूटी दर कम की जाएं।
नवीन वागरेचा, सीए
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जीएसटी के नियमों में लचीलापन लाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियमों में सुधार करना चाहिए। पुरानी आयकर दर में 5 लाख के बाद कर 10 प्रतिशत करना चाहिए। राज्य बजट में बहुप्रतीक्षित एमनेस्टी स्कीम लानी चाहिए। कर निर्धारण को वापस खोलने की समय सीमा को बढ़ाना चाहिए
अतुल सोमानी, अध्यक्ष टैक्स बार एसोसिएशन
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जीएसटी पालना सम्बंधित प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। इनपुट क्रेडिट से सम्बंधित सप्लायर की गलतियों की सजा माल प्राप्त करने वाले को नहीं मिले, ऐसा प्रावधान किया जाए। जीएसटी 2-ए में दिख रही पूरी इनपुट क्रेडिट लेने का प्रावधान किया जाए। पोर्टल की तकनीकी खामियों से देरी पर पेनल्टी नहीं लगे।
गौरव दाधीच, कम्पनी सचिव

जीएसटी का सरलीकरण करें। सरकार ने इसे बहुत ही पेचीद बना रखा है। सरकार को पत्र भी लिखा है कि इसे सिंगल फार्म में करके इसका सरलीकरण करें। इससे आम व्यापारियों को राहत मिल सकेगी। सरकार इस पर मंथन करें तो यह प्रक्रिया बहुंत ही सरल हो जाएगी।
अनिल राठी, सीए
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बाजार में मंदी के बाद कोरोना महामारी ने आर्थिक संकट बहुत ज़्यादा बढ़ा दिया। ऐसी स्थिति में सभी को उम्मीद है कि ऐसा बजट होगा जिससे टैक्स में बड़ी छूट मिलेगी और गऱीबो को प्रोत्साहन राशि मिलेगी ताकि कोरोना महामारी से जिन व्यक्तियों का रोजग़ार छिन गया है उन्हें राहत मिले।
प्रकाश गंगवाल, कर सलाहकार
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मध्यम वर्ग को इस बार वित्त मंत्री से टैक्स में राहत की उम्मीद है। कोविड को लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी सुधार की उम्मीद है। कृषि सुधारो ंमें विवाद के संदर्भ में सरकार किसानों से उत्पाद क्रय करने वाली कम्पनी को उसी क्षेत्र में कृषि उद्योग लगाना अनिवार्य करावें। इससे किसानों को भागीदारी मिलेगी।
चन्द्रेश जैन सीए
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इनकम टैक्स में सरकार के नए टीसीएस ऑन सेल ऑफ गुड्स के प्रावधान में संशोधन कर इसकी लिमिट को २ करोड़ से अधिक करना चाहिए। संगठित व असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के आवास के लिए यदि नियोक्ता अपने कर्मचारी के आवास ऋण या क्रय पर अंशदान देता है तो उसे भी कर मुक्त किया जाना चाहिए।
प्रिया चौधरी, सीए
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वर्तमान में बढ़ती हुई महंगाई से हर कोई परेशान है। इस बजट में सरकार से अपेक्षा है कि महंगाई को काबू करने के लिए विशेष स्कीम का ऐलान हो। आयकर स्लैब में छूट मिलनी चाहिए। आम लोगों को बजट से बड़ी अपेक्षाएं हैं। राज्य बजट में भी सरकार मध्यमवर्ग के लिए रियायतें दें।
सुनीत नैनावटी, सीए
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बजट में कोरोना महामारी के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित हुए निम्न व मध्यम वर्ग के व्यापारियों को राहत देने के लिए जीएसटी में कम्पाउंड सीमा 40 लाख रुपए से बढ़ाकर 80 लाख रुपए करनी चाहिए। इसके अलावा जीएसटी रिटर्न भरने की औपचारिकता कम करनी चाहिए ताकि व्यापारी वर्ग को राहत मिल सके।
सुनील सोमाणी, सीए

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