budget 2021-जहाजपुर में खुले मंडी, अफीम नीति में हो बदलाव
बजट पर परिचर्चा

भीलवाड़ा।
केन्द्र व राज्य का आगामी वित्तीय वर्ष का बजट अगले महीने आना वाला है। बजट को लेकर इस बार किसान भी दोनों सरकारों से कई आस लगाए बैठे हैं। किसानों का कहना है कि इस बार बजट में किसानों के लिए नई योजना की घोषणा करनी चाहिए। समर्थन मूल्य पर खरीद अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। अफीम नीति सरल बनें। जहाजपुर में कृषि उपज मण्डी खोली जाएं। डीजल के मूल्य पर सरकार अंकुश लगाएं।
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केन्द्र सरकार को फसलों के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य को अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए। यह अनिवार्य नहीं होने से किसानों को लाभ नहीं मिल रहा। किसानों की अलग-अलग श्रेणी बनाकर उसकी ब्याज दर को भी एक समान करने की घोषणा की जानी चाहिए, ताकि किसानों को अधिक ब्याज दर नहीं चुकानी पड़े।
बद्रीलाल तेली, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ
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सहकारिता के क्षेत्र में किसानों को मिलने वाले फसली ऋण की राशि को बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि किसान अच्छी फसल लेकर अपनी आय बढ़ा सके।
मांगीलाल जाट, सुरजपुरा
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किसानों को खेती में लागत अनुसार जिन्सों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए सरकार को समर्थन मूल्य की राशि के अलावा बोनस के रूप में प्रति क्विंटल अलग से राशि देने का प्रावधान करना चाहिए।
कानसिंह राणावत, केमुनिया
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किसानो के लिए गोपालन पर अनुदान दिया जाना चाहिए, ताकि गोधन का संरक्षण हो सके। इससे डेयरी व्यवसाय में किसानों की रूचि बढ़ सकेगी।
नानुराम जाट, रायपुर
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केन्द्र सरकार को किसानों को राहत देने के लिए बजट में कई प्रावधान किए जाने चाहिए। किसानों की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। किसान परेशान है। कोरोना काल में काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
भंवर लाल खटीक, किसान
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अफीम की फसल को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए। अफीम की फसल के उत्पादकों को राहत मिलेगी। अफीम नीति का सरलीकरण किया जाना चाहिए।
कालूलाल पालीवाल, किसान
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किसानों को सम्पूर्ण कर्ज माफी कर राहत देनी चाहिए। किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए योजना लाई जाए। उन्हें खाद-बीज पर अनुदान मिले।
बालूराम अहीर, किसान
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सरकार किसान की फसल का सही मूल्य दिलवाएं तो ज्यादा बेहतर रहेगा। वादों के बावजूद भी किसान को उसकी लागत का मूल्य नहीं मिलता। इस कारण किसान आज भी बदहाल है।
सत्यनारायण जाट, किसान
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केन्द्रीय बजट में किसानों को दवाइयां और खाद-बीज कम कीमत में उपलब्ध करवा कर राहत देनी चाहिए। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देकर किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
भीम सिंह कानावत, किसान
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किसानों की आय में बढ़ोतरी हो और जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जाए। पीएम किसान सम्मान निधि योजना में भी सरकार को राशि बढ़ा कर किसानों को संबल प्रदान करना चाहिए।
श्यामलाल सुथार, किसान
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किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। इसकी सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए। किसानों की दशा सुधारने के लिए कल्याणकारी योजनाएं लाई जाए। पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अंकुश लगाना चाहिए।
शिवराज सिंह शक्तावत, किसान
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1990 से जो लाइसेंस बंद है, उन सब को अफीम के लाइसेंस मिलने चाहिए। अफीम नीति में संशोधन करके उपज का पैसा बढ़ाना चाहिए। अफीम जमा कराने पर फाइनल रिपोर्ट गाजीपुर के बजाय भीलवाड़ा में ही मिले।
रामप्रसाद मेघवंशी, किसान
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पहले यूरिया खाद 50 किलो आता था, अब वह 45 किलो आ रहा है। इससे मारामारी होती है। किसानों को माल बेचने देवली मंडी में जाना पड़ता है। जहाजपुर क्षेत्र में भी कृषि उपज मंडी खुले ताकि किसानों को राहत मिल सके।
सीताराम गुर्जर, किसान
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किसानों को रात के बजाय दिन में बिजली निर्धारित समय पर मिले। फसल नुकसान पर बीमे की मुआवजा राशि समय पर मिले। किसानों की दशा सुधारने के लिए खाद व बीज में सब्सिडी मिले। डीजल के दाम कम हो।
सुरेश कुमार खटीक, किसान
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केंद्र व राज्य सरकार दोनों मिलकर किसानों के बारे में सोचे। कभी मौसम की मार तो कभी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने से ठगे से रहते हैं। सरकार कुछ भी करें लेकिन हमें हमारी फसलों का अच्छा दाम मिले। मदन बलाई, किसान
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केंद्र व राज्य सरकार किसान हित के बारे में सोचें। इस बजट में किसानों को सशक्त बनाने के लिए उनकी फसलों का उचित दाम मिले, इसके लिए योजना लानी चाहिए। फसल का पूरा दाम व सुविधाएं मिले।
गोविंद जोशी, किसान
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बजट में दोनों सरकारें किसानों को निराश नहीं करेगी। किसान को पूरा सम्मान और फसल का पूरा दाम मिलेगा। इस बजट में फसल के मूल्य में वृद्धि, किसानों के उपयोग की चीजें सरल व सस्ती होनी चाहिए।
रमेश रेगर, किसान
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हमें सरकार के किसी फैसले से कोई एतराज नहीं है। सरकार जो भी फैसला लेगी किसान हित में ही होगा। हमें तो केवल हमारी फसलों का अच्छा दाम मिले।
सत्यनारायण गौड, किसान
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राज्य व केन्द्र सरकार मिलकर किसान हित के बारे में फैसला करें। किसान खेती पर ही निर्भर है। किसान जितनी मेहनत करते हैं उसका उतना मूल्य नहीं मिलता है। फसलों का अच्छा दाम मिले।
सत्यनारायण रेगर, किसान
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