यूं आए शिकंजे में
पुर थाने पहुंचने के बाद थानाधिकारी गजेन्द्रसिंह ने मामले को गम्भीर लिया। जिस मकान में बंधक रखा उसे तलाशने के लिए दम्पती को साथ लिया। साढ़े तीन घण्टे इधर उधर घूमने के बाद आखिरकार पटेलनगर में उसे मकान में पहुंच गए। मकान मालिक का पता किया तो सामने आया कि उसका मालिक भी सीकर जिले का है। मकान खाली होने से उसने गांव के ही व्यक्तियों को किराए पर दिया। मकान मालिक ने बताया कि आरोपी जगवीर और उसके साथियों ने भीलवाड़ा में टाइल और मार्बल लगाने का ठेका लेते हैं। शास्त्रीनगर में उन्होंने ठेका ले रखा है। यह सूचना पुलिस के लिए महत्वपूर्ण सुराग देने वाली थी। पुलिस उसे मकान तक पहुंची जहां ठेका ले रखा था। वहां से लुटेरों का पता मिल गया।
जाल बिछाया तो झांसे में आ गए, धरदबोचा उनको
पुलिस ने मकान मालिक से एक लुटेरे की बात कराई और उसे कहा कि एक जगह मार्बल लगाना है। वह आकर मिले। लुटेरे झांसे में आए। उनकी कॉल डिटेल निकाली तो वह शाहपुरा उसके आसपास की निकली। इस बीच पकड़े जाने के डर से दम्पती से लूटी गई कार को हजारीखेड़ी के निकट झाडि़यों में छिपाकर चले गए थे। पुलिस ने कार लेने आए लुटेरों को घेराबंदी करके पकड़ लिया। आरोपियों की धरपकड़ में सिपाही विश्म्भर दयाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
दिन में करते आराम, रात में निकलते वारदात करने
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने 19 जुलाई को हाइवे पर कार में आ रहे चार जनों को रोककर पटेलनगर ले गए। सुनसान इलाके में स्थित मकान में रखकर उनसे से सोने की चेन, अंगूठी व फिरौती में तीन लाख रुपए ले लिए। उन्होंने एक व्यक्ति को प्रतापनगर थाने के निकट पट्रोल पम्प के एटीएम तक ले गए। वहां से 60 हजार रुपए नि निकाले थे।
वहीं एक माह पूर्व बनेड़ा के निकट भी कार को रोककर हथियार से धमका कर दो तोले की चेन व ढाई सौ रुपए छीन लिए थे।
इस चेन को बाद में 51 हजार रुपए में बेचा था। आरोपी पटलेनगर स्थित मकान में दिन में आराम करते और रात में हाइवे पर शिकार की तलाश में निकल जाते।
वह टोलनाके के निकट खड़े होते और वहां से कार पर नजर रखकर उनके पीछे हो जाते। आरोपितयों से और वारदात खुलने की सम्भावना जताई गई है।
पुलिस ने मकान मालिक से एक लुटेरे की बात कराई और उसे कहा कि एक जगह मार्बल लगाना है। वह आकर मिले। लुटेरे झांसे में आए। उनकी कॉल डिटेल निकाली तो वह शाहपुरा उसके आसपास की निकली। इस बीच पकड़े जाने के डर से दम्पती से लूटी गई कार को हजारीखेड़ी के निकट झाडि़यों में छिपाकर चले गए थे। पुलिस ने कार लेने आए लुटेरों को घेराबंदी करके पकड़ लिया। आरोपियों की धरपकड़ में सिपाही विश्म्भर दयाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
दिन में करते आराम, रात में निकलते वारदात करने
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने 19 जुलाई को हाइवे पर कार में आ रहे चार जनों को रोककर पटेलनगर ले गए। सुनसान इलाके में स्थित मकान में रखकर उनसे से सोने की चेन, अंगूठी व फिरौती में तीन लाख रुपए ले लिए। उन्होंने एक व्यक्ति को प्रतापनगर थाने के निकट पट्रोल पम्प के एटीएम तक ले गए। वहां से 60 हजार रुपए नि निकाले थे।
वहीं एक माह पूर्व बनेड़ा के निकट भी कार को रोककर हथियार से धमका कर दो तोले की चेन व ढाई सौ रुपए छीन लिए थे।
इस चेन को बाद में 51 हजार रुपए में बेचा था। आरोपी पटलेनगर स्थित मकान में दिन में आराम करते और रात में हाइवे पर शिकार की तलाश में निकल जाते।
वह टोलनाके के निकट खड़े होते और वहां से कार पर नजर रखकर उनके पीछे हो जाते। आरोपितयों से और वारदात खुलने की सम्भावना जताई गई है।