जानकारी के अनुसार कालसास के ग्रामीणों को सूचना मिली थी कि एक ट्रक के अंदर गोवंश को ठूस-ठूस कर कत्लखाने ले जाए जा रहा है। ट्रक तिरपाल से ढका हुआ है। सूचना पर ग्रामीणों ने कालसास के जंगल में घेराबंदी करके ट्रक को रोक लिया।
ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भीड़ को देखकर चालक व खलासी मौके से भाग छूटे। ग्रामीणों ने 20 से 25 बछड़ों को बाहर निकाल कर उसके बाद वाहन में आग लगा दी। इससे वहां माहौल गरमा गया।
आधी रात सूचना पर बनेड़ा थाने से उपनिरीक्षक नंदसिंह मौके पर पहुंचे। वही भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से एक दमकल को भी बुला लिया गया। पुलिस वहां पहुंची तब तक पूरा ट्रक जल चुका था। यह ट्रक उदयपुर पासिंग का बताया जा रहा है। पुलिस वाहन के नंबर और चेचिस के आधार पर मालिक की तलाश में जुट गई है।
गौरतलब है कि भरतपुर में भी गौ तस्करों ने पुलिस को छकाया। पीछा कर रही पुलिस पर फायर भी किए हैं और फायरिंग में दो पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। फायरिंग के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों में से एक की हालत गंभीर है। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक इनामी तस्कर पुलिस के हाथ लगा है, बाकि फरार की तलाश की जा रही है। मामले की जांच कांमा पुलिस कर रही है। कांमा थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि डीग मार्ग से होकर कुछ गौ तस्कर निकलने वाले हैं। डीग मार्ग पर देर रात करीब 3 बजेकांमा पुलिस ने नाकाबंदी की तो दूर से एक मिनी ट्रक आता दिखाई दिया। ट्रक चालक को रुकने का इशारा किया तो ट्रक चालक ने गति और बढ़ा दी और पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी।