
Children will get nutritious food, dishes made from grains will also be included
प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत प्रदेशभर के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सोमवार से 16 अगस्त तक ‘श्रीकृष्ण भोग सप्ताह’ मनाया जाएगा। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को पौष्टिक, स्वच्छ और विविधतापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना है, साथ ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के सांस्कृतिक माहौल में बच्चों की भागीदारी को बढ़ाना है।
स्थानीय व्यंजन और श्री अन्न उत्पाद होंगे खास आकर्षण
आयुक्त विश्वमोहन शर्मा के निर्देशानुसार इस दौरान विद्यालयों में सामुदायिक सहभागिता से स्थानीय रूप से उपलब्ध और पौष्टिक व्यंजन तैयार किए जाएंगे। इसमें बाजरा, ज्वार, सांवा जैसे ‘श्री अन्न’ (मिलेट्स) से बने उत्पादों को विशेष रूप से शामिल करने पर जोर दिया गया है। इन व्यंजनों के माध्यम से बच्चों को पारंपरिक स्वाद और पोषण का मेल मिलेगा। श्रीकृष्ण भोग सप्ताह में पंजीरी, दही-चीनी, दूध से बने मिष्ठान और मौसमी फल भी परोसे जा सकते हैं।
पोर्टल पर दर्ज होगी प्रविष्टि
सभी विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि इस अवधि के दौरान भोजन वितरण से संबंधित संपूर्ण प्रविष्टि पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करें। यह प्रविष्टि भारत सरकार की मासिक मॉनिटरिंग रिपोर्ट में सम्मिलित होगी।
फोटो और संक्षिप्त रिपोर्ट भेजनी होगी
आयोजन की प्रत्येक गतिविधि का फोटोग्राफ और संक्षिप्त प्रतिवेदन आयुक्तालय, पीएम पोषण को भेजना होगा। इससे राज्य स्तर पर जिले के प्रदर्शन की समीक्षा की जा सकेगी।
स्वच्छ और सम्मानजनक भोजन व्यवस्था पर जोर
जिन विद्यालयों में स्थान उपलब्ध है, वहां विद्यार्थियों के भोजन के लिए मेज और कुर्सी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए लकड़ी, पत्थर, सीमेंट कंकरीट अथवा स्थानीय जरूरत के अनुसार साधन जुटाए जा सकते हैं। उद्देश्य यह है कि बच्चे सम्मान पूर्वक, स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में भोजन कर सकें।
श्रीकृष्ण भोग सप्ताह की मुख्य विशेषताएं
Published on:
11 Aug 2025 08:35 am
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