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12% GST लामबंद हो रहे हैं कपड़ा व्यापारी

locationभीलवाड़ाPublished: Nov 29, 2021 09:33:28 pm

Submitted by:

Suresh Jain

12 फीसदी जीएसटी लगाने का विरोधकेंद्र तक अपनी बात पहुंचाने व एकजुटता पर जोर

12% GST लामबंद हो रहे हैं कपड़ा व्यापारी

12% GST लामबंद हो रहे हैं कपड़ा व्यापारी

भीलवाड़ा।
टेक्सटाइल सेक्टर से जुड़े औद्योगिक संगठनो ने कपड़े पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का विरोध करना शुरू कर दिया है। इसे लेकर सभी संगठन अब लामबंद्ध होने लगे हंै। एक जनवरी 2022 से कपड़े पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का हर हाल में विरोध करने पर जोर दिया जा रहा है। टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष अतुल शर्णा के मुताबिक 1 जनवरी 2022 से फैब्रिक, प्रोसेस हाउस और ग्रे पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा। जबकि फेडरेशन व मेवाड चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री का यह सुझाव था कि यदि बदलाव करना ही ह,ै तो यार्न पर पांच फीसदी जीएसटी की जाए। ताकि सभी स्तर पर लगने वाली 5 फीसदी जीएसटी के समान दर हो जाने से कपड़ा व्यवसाय में कोई कठिनाई न हो। साथ ही समान जीएसटी दर की सरकार की सोच भी साकार हो जाएगी। सभी औद्योगिक संगठनों ने एक स्वर में कपड़े पर 12 फीसदी जीएसटी लागू किए जाने का विरोध किया। सभी का मत था कि कपड़ा क्षेत्र के सभी संगठनों को इस मुद्दे पर एक प्लेटफॉर्म पर आकर एकजुटता प्रदर्शित करनी चाहिए।
अस्तित्व बचाना मुश्किल
इस मसले पर फेडरेशन ने सिंथेटिक्स वीविंग मिल्स एसोसिएशन से भी चर्चा की है। इसमें एसोसिएशन का कहना था कि फिनिश्ड फैब्रिक्स पर जीएसटी की दर बढ़ाने से वीवर और व्यापारियों को नुकसान होगा। रिटेल मार्केट में व्यापार कमजोर होने से कारोबार प्रभावित होगा और छोटे वीवर के लिए पूंजी की समस्या भी खड़ी हो सकती है। इसलिए एक साथ मिलकर इसका विरोध करेंगे। जीएसटी दर बढऩे से लोगों की खरीद शक्ति घटेगी, जो पहले तीन ड्रेस खरीदते थे वे एक ही खरीद सकेंगे।
जीएसटी की चोरी बढ़ेगी
एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि जितना ज्यादा टैक्स होता है, उतनी उसकी चोरी भी बढ़ जाती है, जिसे रोकना किसे के बस में नहीं होता है। कपड़े पर जीएसटी दर 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी करने से सबसे ज्यादा मार आम उपभोक्ता पर पड़ेगी। ऐसे में कपड़ा व्यापारी माल मंगवाते समय कपड़े की कीमत कम करके मंगवाएगा। यानी जिस कपड़े की कीमत 100 रुपए मीटर या 150 रुपए मीटर है तो उसका बिल 100 के स्थान पर 60 रुपए या 150 रुपए के स्थान पर 80 रुपए मीटर का ही बनेगा। ऐसे में जीएसटी की चोरी करना आसान होगा।
अंडर बिलिंग के साथ कपड़ा भी महंगा होगा
सरकार के नए नोटीफिकेशन से कपड़ा बाजार नई मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है। 12 फीसदी जीएसटी लागू होने से अंडर बिलिंग के साथ कपड़ा महंगा होगा। कपड़े की लागत बढ़ेगी। इसलिए फिलहाल टेक्सटाइल सेक्टर में जीएसटी दर में कोई भी बदलाव नहीं करना चाहिए।
– रमेश अग्रवाल, उद्यमी
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अनरजिस्टर्ड व्यापारियों की चिंता बढ़ी, 18 प्रतिशत जॉब चार्ज चुकाना पड़ेगा
कपड़ों पर जीएसटी दर 5 प्रतिशत से बढाकर 12 प्रतिशत करने का देशभर के कपड़ा व्यापारी संगठन विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर व्यापारियों के लिए एक और चिंताजनक बात यह है कि जो व्यापारी जीएसटी में अनरजिस्टर्ड हैं, उन्हें प्रोसेसिंग मिल या यूनिट में वर्क करवाने पर 18 प्रतिशत जॉब वर्क जीएसटी चुकाना होगा। जबकि रजिस्टर व्यापारियों को 12 प्रतिशत जीएसटी चुकानी होती है। कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी दर में परिवर्तन करने से व्यापारियों को पूंजी के तौर पर और रकम जमा करनी होगी। सरकार के फैसले से रिटेल व्यापार प्रभावित होगा।

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