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कलक्टर के आग्रह को न्यायालय ने नही माना, आज फिर होगी सुनवाई

- कोठारी नदी में दूषित पानी व कचरा मुक्त नहीं करने का मामला- एनजीटी कर रहा जनहित याचिका पर सुनवाई

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कलक्टर के आग्रह को न्यायालय ने नही माना, आज फिर होगी सुनवाई

कलक्टर के आग्रह को न्यायालय ने नही माना, आज फिर होगी सुनवाई

भीलवाड़ा. कोठारी नदी को प्रदूषित करने के मामले में कार्रवाई नहीं होने पर एनजीटी न्यायाधीश ने सख्त नाराजगी जताई। न्यायाधीश ने अधिकारियों से कहा कि इतनी लापरवाही ठीक नहीं है। मामले शुक्रवार को पुन: सुनवाई होगी।

सुनवाई के दौरान जिला कलक्टर आशीष मोदी के उपस्थित नहीं पाने का एक पत्र अदालत में पेश किया गया। जिसमें कलक्टर ने व्यक्तिगत मौजूदगी की छूट मांगी। हालांकि न्यायालय ने आवेदन पर कोई विचार नहीं किया। उनको उपस्थित होने को कहा है। इस मामले की अब सुनवाई शुक्रवार को होगी। जिला कलक्टर की ओर से नगर विकास न्यास सचिव अभिषेक खन्ना पेश हुए थे।
पर्यावरणविद बाबूलाल जाजू की जनहित याचिका पर चर्चा करते एडवोकेट नवीन आहूजा ने बताया कि कोठारी नदी में अब भी गंदा पानी जा रहा है। इसे अधिकारी नहीं रोक पाए है। न्यायालय के आदेश पर नगर परिषद पर लगाए गए 4 करोड़ 14 लाख 80 लाख रुपए का जुर्माने को वसूलने को लेकर कोई स्टे ऑर्डर नहीं है। क्यों न नगर परिषद की संपत्ति कुर्क कर यह राशि वसूली जानी चाहिए। न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी। ऑनलाइन सुनवाई के दौरान नगर विकास न्यास सचिव अभिषेक खन्ना, आयुक्त हेमाराम चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव व एक अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मांगी रिपोर्ट

एनजीटी ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड से कोठारी नदी में औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी आ रहा या नहीं इो लेकर रिपोर्ट तलब की है। आरयूआईडीपी की ओर से लैब रिपोर्ट मांगी है। उधर, याचिकाकर्ता जाजू का कहना है कि नदी में कई कॉलोनियों के अलावा मांडल क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी पहुंच रहा है।
कलक्टर की जगह न्यास सचिव पेश
एनजीटी ने 10 जुलाई को अपने आदेश में जिला कलक्टर, नगर परिषद आयुक्त समेत चार अधिकारी को 17 अगस्त को होने वाली सुनवाई में न्यायालय में उपस्थित होने को कहा था। इस बीच भारत निर्वाचन आयोग की ओर से 17 व 18 अगस्त को जयपुर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने से वे स्वयं उपस्थित न होकर न्यास सचिव को अपना प्रतिनिधि के रूप में पेश होने तथा व्यक्तिगत छूट की मांग की थी।
एनजीटी में की अपील
नगर परिषद आयुक्त हेमाराम चौधरी ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से लगाई गई 4 करोड़ 14 लाख 80 लाख रुपए जुर्माना एवं शास्ति को निरस्त करने को लेकर एनजीटी में अपील की है। चौधरी का कहना है कि पहले मामले में पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा था। लेकिन वहा से किसी तरह का जवाब नहीं मिला था।