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गांधीनगर मुक्ति धाम पर आधुनिकता का रंग, लगे एसी

Gandhinagar Mukti Dham भीलवाड़ा शहर में गांधी नगर की मिर्च मंडी में बना मुक्ति धाम एक दशक पहले सुविधाओं को तरसता था , लेकिन अब गांधीनगर मुक्ति धाम की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। यह मुक्ति धाम अब प्रदेश के हाईटेक मोक्षधामों में शामिल है।  

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गांधीनगर मुक्ति धाम

गांधीनगर मुक्ति धाम

जिन्दगी की भाग दौड़ में आदमी अपने ऐशो आराम के लिए बहुत कुछ करता है, लेकिन उस यह भी मालूम है कि अंतत जीवन का अंत होना है और मोक्षधाम की मिट्टी में मिलना है। जिन्दगी के इसी कटू सत्य के चलते अब लोग मोक्षधाम के विकास एवं कायापलट की तरफ भी कदम बढ़ाने लगे हैं।

इसी का उदाहरण गांधी नगर की मिर्च मंडी में बना मुक्ति धाम है। एक दशक पहले मोक्षधाम सुविधाओं को तरसता था और बारिश से बचना भी यहां मुश्किल था, लेकिन अब गांधीनगर मुक्ति धाम की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। यह मुक्ति धाम अब प्रदेश के हाईटेक मोक्षधामों में शामिल है।

अंतिम क्रिया के लिए आधुनिक शेड

भीलवाड़ा का पंचमुखी मोक्षधाम प्रदेश के हाईटेक मोक्षधामों में शामिल है, इस सूची में गांधीनगर की मिर्च मंडी में बना गांधीनगर मुक्ति धाम भी जुड़ गया है। करीब पांच बीघा क्षेत्र में फैले मुक्ति धाम में अंतिम क्रिया के लिए आधुनिक शेड है, यहां नौ अंतिम संस्कार एक साथ हो सकते हैं।

एसी विश्राम गृह, डिजिटल लाईब्रेरेरी
यहां दाह संस्कार में शामिल लोगों के लिए वातानुकूलित विश्राम गृह बना है। बैठने की क्षमता 65 जनों की है। यहां कुर्सी लगी है। कीर्तन के लिए दरियां बिछी है। डिजिटल लाईब्रेरेरी का कार्य प्रगति पर है। यहां अभी धार्मिक पुस्तक पुस्तिकाएं के साथ ही ज्ञान वर्धक साहित्य संग्रह है। गीता, रामायण व गायत्री परिवार के साहित्य भी है। पक्षी टॉवर भी मुक्ति धाम में आकार ले रहा है। बच्चों के आकस्मिक निधन होने पर शव दफनाने की अलग से व्यवस्था है।

अिस्थ बैंक व केशदान

मुक्ति धाम में हरियाली बिखेर ता गार्डन भी खास है। यहां फव्वारें व कई छाएंदार एवं खूबसूरत वृक्ष एवं पौधे है। इतना ही नहीं यहां दो केशदान है। दो अिस्थ बैंक है। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के लिए दो जल मंदिर व एक आधुनिक सुलभ कॉम्पलेक्स भी है। अनाजघर भी बना हुआ है।
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विकास का जिम्मा समिति संभाले है
दो दशक पूर्व यह मोक्षधाम खुले में था, सुविधाएं नहीं थी। अंतिम संस्कार भी तीन स्थान पर होता था। गांधीनगर मोक्षधाम विकास समिति गठित की गई, पच्चीस सदस्यीय समिति ने मोक्षधाम को सुविधायुक्त एवं हाईटेक बनाने की ठानी और इसे कर दिखाया। समिति अध्यक्ष नंदलाल नराणीवाल, सचिव रतन बिरला व कोषाध्यक्ष प्रकाश सुराणा है।

मानसिंह संचेती, वरिष्ठ सदस्य
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नाला बढ़ा रहा परेशानी

यहां सुविधाओं में लगातार विस्तार हो रहा है, लेकिन मोक्षधाम के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने से निकल रहा नाली बरसात के दौरान लबालब हो जाता है। इसका पानी मोक्षधाम में घुस आता है, इससे खासी परेशानी यहां अंतिम संस्कार में शामिल लोगों को होती है। जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
लक्ष्मी नारायण चांडक, उपाध्यक्ष,

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निशुल्क होता है अंतिम संस्कार

अंतिम संस्कार के लिए कोई शुल्क नहीं है, लेकिन कोई इच्छानुसार देना चाहे तो उनके लिए पेटीएम व दानपात्र है। इनके जरिए राशि दी जा सकती है। राशि का उपयोग के केवल यहां पक्षियों के दाने पानी के लिए होता है। गांधीनगर मुक्ति धाम के विकास का जिम्मा गांधीनगर मुक्ति धाम विकास समिति संभाले है।