
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नगर परिषद भीलवाड़ा को कड़े आदेशों के बावजूद प्राचीन गांधीसागर तालाब में फिर कॉलोनियों व औद्योगिक इकाइयों का जहरीला पानी आने से हजारों मछलियों सहित अनेक जलीय जीवों की अकाल मौत हो चुकी है।
भीलवाड़ा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नगर परिषद भीलवाड़ा को कड़े आदेशों के बावजूद प्राचीन गांधीसागर तालाब में फिर कॉलोनियों व औद्योगिक इकाइयों का जहरीला पानी आने से हजारों मछलियों सहित अनेक जलीय जीवों की अकाल मौत हो चुकी है। पर्यावरणविद बाबूलाल जाजू की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल बेंच में दायर जनहित याचिका पर न्यायाधिपति की ओर से सात नालों के तालाब में जाने वाले गंदे पानी पर रोक के आदेश के बावजूद 3 वर्ष बाद भी जहरीला सीवरेज व औद्योगिक इकाइयों का पानी जा रहा है।
इससे तालाब के पानी से बदबू आने के साथ ही आसपास हैंडपंपों ट्यूबवेल में जहरीले पानी आने से बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। जाजू ने तालाब से निकाली हजारों मरी हुई मछलियों को बेचने पर प्रशासन से रोक लगाने की मांग की तथा बताया कि मरी हुई मछली खाने से लोगों में बीमारी होने का खतरा है। जाजू ने कहा कि ट्रिब्यूनल के आदेश अनुसार नालों के गंदे पानी को गांधीसागर तालाब में जाने से रोके अन्यथा मजबूरन अवमानना की कार्यवाही करनी पड़ेगी।
हाइवे पर नहीं है स्पीड ब्रेकर, रोज हो रहे हादसे
उपनगर पुर में बाइपास पर ब्रेकर नहीं होने से रोजाना हादसे हो रहे हैं। प्रशासन व एनएचएआई की लापरवाही के चलते बार-बार हादसे हो रहे है, जिससे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। हाल ही में बाईपास पर हुए हादसे के कारण पुर थाने के एक दीवान को अपनी जान गंवानी पड़ी।
पुर बाईपास पर तीनों साइड की रोड पर स्पीड ब्रेकर के अभाव में वाहन अत्यधिक तेज गति से निकलते है, जिससे हर समय हादसे का अंदेशा बना रहता है। पूजा गार्डन के मालिक को उसकी जमीन का मुआवजा दे दिए जाने व गार्डन की दीवार गिरा दिए जाने के बावजूद भी रोड को सीधा नहीं निकालने से खतरनाक घुमावदार मोड़ पर वाहन आपस में टकरा जाते है। बाईपास पर ही लगी हुई हाईमास्क लाइट अधिकांश समय बंद रहने से परेशानी है।
Published on:
10 Apr 2018 02:40 pm
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