
ठेकाकर्मियों ने की आरएमआरएस से नौकरी देने की मांग, किया प्रदर्शन
भीलवाड़ा।
महात्मा गांधी अस्पताल में कार्यरत करीब 150 ठेकाकर्मियों ने सोमवार को नारेबाजी व प्रर्दशन के बाद कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। महात्मा गांधी अस्पताल के पार्क में बैठक के बाद कलक्ट्रेट पहुंच कलक्टर को दिए ज्ञापन में कर्मचारियों ने उन्हें राज्य सरकार के आदेशानुसार एनजीओ से हटाकर राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी में नौकरी देने की मांग रखी। संविदा व निविदा कार्मिक संघ की जिलाध्यक्ष माधुरी देवी चौहान ने बताया की राज्य सरकार ने वर्ष २०१५ में आदेश पारित कर अस्पतालों में एनजीओं के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी में लेने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद कई स्थानों पर आदेश की पालना में कर्मचारियों को राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी में ले लिया गया।
भीलवाड़ा के एमजीएच में इस आदेश की अवहेलना की गई जबकि एमजीएच में करीब १५० कर्मचारी एनजीओं के
तहत कार्यरत है। दूसरा निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान में ८००० से अधिक खाली पड़े चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर अब तक भर्ती नहीं निकाली है। पिछलें २० वर्षो से कर्मचारी इस भर्ती का इंतजार कर रहे है। कर्मचारियों ने जब तक भर्ती नहीं निकलती है तब तक एनजीओं के तहत कार्यरत कर्मचारियों को यूटीबी या आरएमआरएस से नौकरी देने की मांग की है।
प्रयोगशाला सहायक संघ के पत्र पर जारी हुआ आदेश
ठेकाकर्मियों के लिए भर्ती निकालने व तब तक उन्हें आरएमआरएस में नौकरी देने की मांग को लेकर अखिल राजस्थान
प्रयोगशाला सहायक संघ ने १७ जून को संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था। पत्र में जिलाध्यक्ष रामपाल भांड ने मांग की थी एमएनजेवाई, एमएनडीवाई, डीईओ, भामाशाह, एआरजी, ईसीजी, फार्मासिस्ट, एलए, एलटी, हेल्पर, वार्ड बॉय, स्वीपर सहित तमाम प्लेसमेंट एजेंसी के तहत लगे कार्मिकों को भर्ती नहीं निकलने तक आरएमआरएस में सीधा रखा जाए। भांड द्वारा भेजे गए पत्र के बाद ३० जून को संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं अजमेर ने आदेश जारी कर सीएमएचओ व पीएमओ को उक्त कार्मिकों को सीधा आरएमआरएस में रखने के निर्देश दिए। संघ ने इससे पूर्व भी कर्मचारी हितों के लिए सरकार को कई पत्र लिखे। सरकार ने भी स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए लेकिन पालना नहीं हुई। यहीं कारण है की कर्मचारी अब तक प्लेंसमेंट एजेंसी के तहत ही अल्प वेतन में कार्य करने को मजबूर है।
Published on:
05 Jul 2021 10:35 pm
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