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फेफड़ों में संक्रमण के कारण सांस लेने में आ रही परेशानी

अब डाक्टर सैम्पल के साथ एक्सरे व सिटी स्केन पर दे रहे जोर

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Difficulty in breathing due to lung infection in bhilwara

Difficulty in breathing due to lung infection in bhilwara

भीलवाड़ा .
जिले में तीन माह तक नियंत्रण में रहने के बाद कोरोना की स्थितियां अब बेकाबू होने लगी है। संक्रमितों का आंकड़ा 6300 तक पहुंच चुका है और रोजाना सैकड़ों लोग सैम्पलिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच पिछले कुछ दिनों के दौरान फेफड़ों के संक्रमित हो जाने के चलते जिले में लगातार हो रही मौतों से दहशत गहरा गई है। फेफड़ों में संक्रमण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ आने की शिकायतें एकदम से बढ़ गई है। इससे लोग बेहद घबरा गए हैं तो चिकित्सकों के भी हाथ-पांव फूल गए हैं। चिकित्सा विभाग भले ही कोरोना से १०७ मौतें स्वीकार कर रहा हो लेकिन जानकारों की मानें तो आंकड़ा इससे कई ज्यादा है। लोगों में बढ़ती दहशत का ही नतीजा है कि अब वे आगे बढ़कर कोविड-19 की जांच करवाने पहुंच रहे हैं।
फेफड़ों पर संकट
चिकित्सक अब तक रोगियों के बुखार, सर्दी-जुकाम जैसे कोविड-19 के सामान्य लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करते रहे हैं, लेकिन विगत दिनों के दौरान इनसे आगे के लक्षण फेफड़ों के संक्रमण तक पहुंच गए हैं। ऐसे में चिकित्सक अब मरीजों को फेफड़ों का एक्सरे और सिटी स्केन करवाने की सलाह दे रहे हैं। इससे वास्तविकता सामने भी आ रही है। ऐसे मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। जो चिकित्सक महज 8-10 दिन पहले तक मरीजों के लक्षणों का उपचार करते हुए उन्हें कोरोना की जांच तुरंत करवाने के लिए नहीं कह रहे थे, वे भी अब मामले की नजाकत समझते हुए कोविड-19 की जांच करने का परामर्श पर्ची में लिखने लगे हैं।
नहीं मिल रहा उपचार
यह दुर्भाग्य ही है कि यहां फेफड़ों का संक्रमण बढने के बाद मरीजों के उपचार की कोई व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है। चिकित्सालय में चिकित्सकों व स्टाफ की कमी के कारण लगाए गए वेंटीलेटर्स भी ज्यादा काम नहीं आ रहे है। अस्पताल में लगातार काम करने से स्वयं चिकित्सक व अन्य स्टाफ सदस्य भी बीमार पडने लगे हैं। कोविड के मरीजों को यहां से रेफर किया जा रहा है, लेकिन उन्हें अन्य अस्पतालों में आसानी से जगह नहीं मिलती। मुश्किल से जगह मिलने पर हजारों-लाखों रुपए का खर्च आ रहा है। जो हर किसी के बूते की बात नहीं है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में माकूल चिकित्सा बंदोबस्त नहीं होने से गुस्सा बढ़ रहा है।
आंकड़े क्यों छिपा रहा विभाग
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चिकित्सा विभाग आंकड़े छुपाने की भरसक कोशिश कर रहा है। इससे अफवाहों को बल मिलने लगा है। स्टेट की ओर से जारी होने वाली सूची में मृतकों की संख्या लम्बे समय से १७ चल रही थी, लेकिन एक यकाएक मौता का आंकड़ा बढ़कर १०७ हो गया है। हालांकि पॉजिटिव की संख्या अब भी ४१२७ बताई जा रही है जबकि वास्तविकता में ६२७२ तक पहुंच गई है।