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प्रोसेस हाउसों से बोरवेल व नदियों में दूषित पानी छोड़ने का खुलासा

जांच कमेटी के निर्देश पर आरपीसीबी सख्त, एक प्रोसेस हाउस बंद करने का प्रस्ताव भेजा निरीक्षण में मिला 8 हजार 600 टीडीएस का दूषित पानी

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Discharge of contaminated water from process houses into borewells and rivers

Discharge of contaminated water from process houses into borewells and rivers

प्रोसेस व डाई हाउस संचालकों की ओर से दूषित पानी बोरवेल व नदियों में छोड़ने की शिकायतें सच साबित हो रही हैं। गुरुवार को राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) की टीम ने कई स्थानों से पानी के नमूने लिए। इसमें ग्रोथ सेंटर व रेलवे पटरी के पास नालों में 2000 टीडीएस का पानी मिला, जबकि एक प्रोसेस हाउस के बाहर 8 हजार 600 टीडीएस तक का पानी मिलने पर आरपीसीबी ने कठोर कदम उठाते हुए उस प्रोसेस हाउस को बंद करने का प्रस्ताव जयपुर मुख्यालय भेजा है। यह प्रस्ताव कमेटी की मंशा व अनुशंषा के आधार पर भेजा गया है।

विधानसभा में उठा था मामला

मांडल विधायक उदयलाल भडाणा ने विधानसभा में मुद्दा उठाया था कि प्रोसेस हाउस संचालक गुपचुप तरीके से दूषित पानी बोरवेल व नदियों में डाल रहे हैं। सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित की। मंगलवार को हुई बैठक में तय हुआ कि दोषी पाए जाने वाले उद्योगों पर कठोर कार्रवाई होगी।

निरीक्षण के बाद टैंकर से खाली किया दूषित पानी

जांच टीम बुधवार रात 10 बजे से गुरुवार सुबह 5 बजे तक जांच करने के बाद जब भीलवाड़ा लौटी।सुबह 7 बजे एक प्रोसेस हाउस की ओर से दूषित पानी से भरा टैंकर स्वरूपगंज पुलिया के पास बरसाती नाले में खाली कर चला गया। सूचना पर टीम पहुंची तो वहां दूषित पानी फैला मिला, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि किस प्रोसेस हाउस से टैंकर आया था।

बोरवेल और नदियों से भी लिए नमूने

आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक घनेटवाल ने बताया कि भीलवाड़ा के आसपास 29 प्रोसेस व डाई हाउस संचालित हो रहे हैं। इनमें प्रतिदिन करीब 100 केएलडी पानी का उपयोग होता है। जांच टीम ने इन उद्योगों से जुड़े बोरवेलों से भी नमूने लिए हैं। पहले दिन 18 उद्योगों में लगे 27 बोरवेल के साथ ही कोठारी व बनास नदी से भी पानी के सैंपल लिए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि दूषित पानी बोरवेल में डाला जा रहा है। प्रथम दृष्टया पाया गया है कि बोरवेल के पानी की टीडीएस 3 से 5 हजार तक पाया गया है। हालांकि इसका खुलासा जांच के बाद होगा।

अब तक 1.9 करोड़ की पेनल्टी

आरपीसीबी ने जनवरी 2024 से 15 सितंबर 2025 तक मिली कुल 70 शिकायतों के आधार पर 15 प्रोसेस हाउस संचालकों पर कार्रवाई की। अब तक इन पर 1 करोड़ 9 लाख 26 हजार रुपए की पेनल्टी लगाई जा चुकी है। इसमें से लगभग 74 लाख रुपए वसूले भी जा चुके हैं।

आरपीसीबी की सख्ती

घनेटवाल ने बताया कि दूषित पानी पर लगातार हो रही शिकायतों के आधार पर दोषी उद्योगों पर सीधी कार्रवाई कर रहे हैं। जांच के बाद ही एक प्रोसेस हाउस को बंद करने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है। बोरवेल में दूषित पानी डालने की आशंका पर जांच की जा रही है। वहीं कोठारी व बनास नदी का पानी प्रभावित हो रहा है।