
Drizzling rain brings smiles to farmers, benefits mustard, damages harvested maize crop
भीलवाड़ा जिले में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार रिमझिम बरसात ने जहां सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं किसानों के लिए यह बरसात संजीवनी साबित हो रही है। विशेष रूप से सरसों की बुवाई कर चुके किसानों को इस बारिश से जबरदस्त फायदा मिला है। वहीं जिन किसानों ने अभी तक रबी फसल की बुवाई नहीं की, उनके खेतों में पर्याप्त नमी आने से रेलनी (पूर्व सिंचाई) की आवश्यकता अब नहीं पड़ेगी।
बरसात थमते ही शुरू होगा बुवाई कार्य
कृषि विभाग के अनुसार बारिश थमने के बाद किसान खेतों में बा (नमी) आने का इंतजार करेंगे और फिर बुवाई कार्य में जुट जाएंगे। इस बारिश से जिले के अधिकांश किसानों को लाभ पहुंचा है। बारिश के चलते मेजा बांध की दोनों नहरों में छोड़ा गया पानी बंद करना पड़ा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, ऐसा अतिरिक्त जलभराव और फसलों में पानी जमा होने से बचने के लिए किया गया है।
अधिकांश फसलों को फायदा
कृषि संयुक्त निदेशक वीके. जैन ने बताया कि यह रिमझिम बारिश अधिकांश किसानों के लिए लाभदायक है। हालांकि जिन किसानों ने पहले से फसल काटकर खेतों में सुखाने के लिए रख छोड़ी थी, उनकी फसलें भीगने और अंकुरित होने का खतरा बढ़ गया है। मक्का की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, क्योंकि कई किसानों ने कटाई के बाद उसे खेतों में ही छोड़ रखा था।
गेहूं की बुवाई में थोड़ी देरी, लेकिन नमी लाभदायक
जैन ने बताया कि गेहूं की बुवाई में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन यह बारिश फसल की नमी और अंकुरण के लिए लाभकारी साबित होगी। जिन किसानों ने अभी बुवाई नहीं की या जिनकी फसल उग चुकी है, उनके लिए यह पानी अमृत के समान है। हालांकि जिन किसानों ने एक-दो दिन पहले ही बुवाई की है, उन्हें हल्का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
सरसों को फायदा
किसान बालू गाडरी ने बताया कि जिन खेतों में कटाई की फसल रखी हुई है, वहां नुकसान हुआ है, जबकि सरसों और अन्य रबी फसलों को बारिश से फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि जो किसान गेहूं की बुवाई की तैयारी में थे, उनके खेतों को भी यह बरसात नमी और सिंचाई के रूप में लाभ देगी।
कृषि अधिकारियों ने दी सलाह
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे कटाई की गई फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें और भीगे दानों को तुरंत सुखाने की व्यवस्था करें। साथ ही बरसात के बाद खेतों की जुताई और नमी संरक्षण कार्य समय पर करें ताकि फसलों की बुवाई में देरी न हो।
Updated on:
29 Oct 2025 10:03 am
Published on:
29 Oct 2025 10:02 am
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