breath campaign बालकों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाने की कवायद
भीलवाड़ाPublished: Nov 29, 2021 09:08:22 pm
चिकित्सा विभाग ने चलाया सांस अभियान5 वर्ष तक के बच्चों की करेंगे जांच
breath campaign बालकों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाने की कवायद
भीलवाड़ा।
breath campaign जिले में बालकों को संभावित कोरोना की तीसरी लहर को रोकने व बाल मृत्यु दर को कम करने एवं 5 वर्ष तक के बालकों में निमोनिया की रोकथाम के लिए सांस अभियान चलाया जा रहा है। जिले में 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु के कारणों में से निमोनिया एक प्रमुख कारण है। निमोनिया से शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए 12 नवंबर से 28 फरवरी तक सांस अभियान संचालित किया जा रहा है। कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों पर इसके दुष्प्रभाव की अधिक संभावना जताई गई है। ऐसे में इस अभियान के प्रति अधिक गंभीरता से कार्य करने एवं अभियान को सफल बनाने के राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए गए हैं।
यह रखनी है सावधानी
आरसीएचओ डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि निमोनिया से बच्चों की सुरक्षा के लिए पहले छह माह में शिशु को केवल स्तनपान कराने, छह माह बाद पूरक पोषाहार देने तथा विटामिन ए की खुराक देने, निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों का टीकाकरण कराने, साबुन से हाथ धुलाने व घरेलू स्तर पर प्रदूषण को कम करके किया जा सकता है।
अभियान का उद्देश्य
जिले में बाल मृत्यु को कम करने के लिए सरकार ने सांस अभियान शुरू किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों जागरूकता पैदा करना, निमोनिया की पहचान करने में सक्षम करने के लिए देखभाल कर्ता को जागरूक करना, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से निमोनिया के मिथकों व धारणाओं के बारे में व्यवहार परिवर्तन करना है।
मृत्यु दर के प्रमुख कारण
डॉ. शर्मा ने बताया कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। इसलिए सर्दी मौसम में बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। 5 वर्ष तक के बालकों में निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु अन्य संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु की तुलना में काफी अधिक है। निमोनिया के कारण मृत्यु दर में, गरीबी से जुड़े कारक जैसे कि कुपोषण, सुरक्षित पेयजल की कमी और स्वच्छता एवं स्वास्थ्य देखभाल मुख्य है। निमोनिया से होने वाली लगभग आधी मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी हैं। इसमें इनडोर वायु प्रदूषण भी मुख्य कारक है।