
Expenditure on MNREGA budget in bhilwara
भीलवाड़ा।
मनरेगा बजट को खर्च करने में सरपंचों को इतनी जल्दबाजी थी कि उन्होंने मनमाने तरीके से प्रस्ताव दे दिए। इनको अफसरों ने ढंग से नहीं देखा और जल्दबाजी में काम मंजूर कर दिए।
आंकड़ों में वाहवाही लूटने के चक्कर में अफसरों ने यह भी नहीं देखा की यह काम फील्ड में करा पाएंगे या नहीं। हकीकत में ऐसा ही हुआ। जब इन कामों को स्वीकृत कर पंचायतों को बजट दिया तो वे यह काम नहीं करा पाई।
यही वजह है कि जिले में पिछले चार सालों में मनरेगा के 26 हजार काम अधूरे रह गए। यह काम ऐसे है जो कराने योग्य नहीं है या अफसर और जनप्रतिनिधियों ने इसमें रुचि नहीं ली। राजस्थान पत्रिका ने जिले में मनरेगा की ग्राउंड रिपोर्ट जानने की कोशिश की तो सामने आया कि पंचायतों के वार्षिक प्लान में निर्माण कार्य शामिल किए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने में किसी की रुचि नहीं है।
पंचायत लेती है प्रस्ताव
मनरेगा में काम के लिए वार्षिक कार्य योजना के तहत पंचायत स्तर पर सरपंच कार्यों के प्रस्ताव लेते है। जिसे स्वीकृत करने के लिए पंचायत समिति तथा पंचायत से जिला परिषद के पास भेजे जाते है लेकिन इन कार्यों को देखा नहीं जाता है कि कौनसे हो सकते है या नही।
जिले में चार साल के स्वीकृत कामों पर नजर डाले तो 26 हजार काम अधूरे हैं। वर्ष 2018-19 में स्वीकृत 1860 में से अब तक एक भी काम शुरू नहीं हो सका। वर्ष 2017-18 में तो 11,460 कामों के मुकाबले मात्र 1124 काम पूर्ण हो सके।
दो हजार काम शुरू ही नहीं
जिले के 12 ब्लॉक में 1932 कार्यों पर एक रुपए भी खर्च नहीं हुआ। आसीन्द 315, हुरड़ा 28, शाहपुरा 274, बनेड़ा 69, माण्डल 120, रायपुर 43, सहाड़ा 41, सुवाणा 95, कोटड़ी 274, जहाजपुर 307, माण्डलगढ़ 156, बिजौलिया 110 कार्य शामिल है। इसके अलावा 1237 कार्य स्वीकृ ति के बावजूद एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया।
चार साल में जिले के अधूरे काम की संख्या
ब्लॉक का नाम अधूरे कार्य
बिजौलियां 985
आसीन्द 5525
कोटड़ी 2156
जहाजपुर 3551
बनेड़ा 2354
माण्डल 2218
माण्डलगढ 1779
रायपुर 993
शाहपुरा 3141
सुवाणा 1307
सहाड़ा 841
हुरड़ा 959
योग 25809
Published on:
06 Jul 2018 06:58 pm
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