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भेड़ों का जमावड़ा, टकराव की आशंका, तनाव में पुलिस प्रशासन

मानसून की दस्तक के साथ ही ऊपरमाल क्षेत्र में मारवाड़ की भेड़ों के जमावड़ा हो गया है

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Assemblage of sheep in bhilwara

Assemblage of sheep in bhilwara

भीलवाडा।

मानसून की दस्तक के साथ ही ऊपरमाल क्षेत्र में मारवाड़ की भेड़ों के जमावड़ा हो गया है। भेड़ निष्क्रमण के दौरान कहीं पालकों का ग्रामीणों में टकराव ना हो जाए, पुलिस प्रशासन को यह चिंता सताने लगी है। वहीं प्रशासन इस बार विभिन्न सरकारी योजनाओं का ज्ञान बांटने एवं लाभ दिलवाने के क्रियान्वयन को लेकर चिंतित है।

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माण्डलगढ़, बिजौलियां तहसील में बारिश शुरू होने के साथ ही चितौडगढ़, बूंदी जैसे सीमावर्ती जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से भेड़ों का अस्थायी निष्क्रमण शुरू हो जाता है, जो अक्टूबर अंत तक रहता है। इस दौरान कई बार भेड़ पालकों व ग्रामीणों में टकराव के हालात बन जाते हैं।

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हालांकि बीते पांच वर्ष में बड़ी हिंसक वारदात नहीं हुई लेकिन पूर्व के पुलिस आंकड़े बताते है कि एक दशक के दौरान ऊपरमाल क्षेत्र में लाठी भाटा जंग में तीन जने मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। भेड़पालकों के अस्थाई ठिकाने फूंके गए व तोडफ़ोड़ की वारदात हुई। ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ।

योजनाओं का मिलेगा लाभ

भेड़पालकों को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग डेरों की संख्या के आधार पर राशन देगा। शिक्षा विभाग पालकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए चल शिक्षण केन्द्र बनाएगा। पशुपालन विभाग भामाशाह योजना के तहत पशुओं का बीमा कराएगा। भेड़ों को कृमिनाशक दवा दी जाएगी। पुलिस सहायता दी जाएगी। पशुओं की चोरी पर पुलिस तुरन्त प्राथमिकी दर्ज करेगी।


घट रहे हैं डेरे

जिले में मानसून के दौरान प्रतिवर्ष 1 लाख भेड़ों का निष्क्रमण होता है। पांच वर्ष से इसमें लगातार कमी आ रही है। भेड़ पालन के प्रति उत्साह घटने व ऊपरमाल क्षेत्र में कम बारिश वजह है। भेड़ों के गांवों में नुकसान पहुंचाने से ग्रामीण भी फसल सुरक्षा को लेकर चिंतित है। वर्ष 2017 में निष्क्रमण का आंकड़ा महज 51, 710 रह गया। इस दौरान 45 दंग व 325 रेवड़ निष्क्रमित हुए।


ये निष्क्रमण क्षेत्र

राणाजी का गुढ़ा, तिलस्वां,आरोली, कांस्या, लाडपुरा, बनकाखेड़ा, श्यामपुरा, मालकाखेड़ा, जलीन्द्री, भोपतपुरा व बिजौलियां, मेनाल, त्रिवेणी चैराहा व पचानपुरा क्षेत्र में भेड़ निष्क्रमण चेकपोस्ट है। इनमें 6 स्थायी व 8 अस्थायी है।

दो हजार भेड़े आ चुकी

ऊपरमाल क्षेत्र में भेड़ निष्क्रमण शुरू हो चुका। करीब दो हजार भेड़ आ चुकी है। ये भेड़ मारवाड़, कोटा, बूंदी, चित्तौडग़ढ़ व एमपी के रास्ते से आ रही है। भेड़ निष्क्रमण के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था को लेकर प्रभावी व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ भी भेड़ पालकों को देय होगा।
भगवान सहाय, उपनिदेशक, पशु पालन विभाग