
Express train power engine failed in bhilwara
भीलवाड़ा।
लाम्बिया-धुंवाला रेल मार्ग के बीच बुधवार शाम जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन का पावर (इंजन) फेल हो गया। चार घंटे ट्रेन लाम्बिया स्टेशन पर अटकी रही। जयपुर व उदयपुर से आने वाली चार ट्रेनें भी बीच राह में अटक गई। इस दौरान पांचों ट्रेनों के यात्री भूख, प्यास और गर्मी से परेशान रहे। जयपुर-उदयपुर इंटरसिटी के यात्री तो लाम्बिया रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर से उलझ गए।
अजमेर से ढाई घंटे देरी से भीलवाड़ा आ रही जोधपुर-इंदौर ट्रेन का इंजन लाम्बिया-धुंवाला स्टेशन के बीच शाम 5.35 बजे फेल हो गया। इस खबर से ट्रेन में सवार लोग परेशान हो गए। दोनों स्टेशनों के बीच में एक घंटे तक ट्रेन अटकी रही। अजमेर की तरफ से आ रही जयपुर-उदयपुर, जयपुर-हैदराबाद व अहमदाबाद - कोलकाता को लाम्बिया से पहले रोक दिया गया।
इसी प्रकार उदयपुर की तरफ से आ रही होलीडे स्पेशल को भीलवाड़ा स्टेशन से पहले रोक दिया गया। बीच राह में अटकी इंदौर ट्रेन को करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद शाम 7.25 बजे मालगाड़ी के पावर से लाम्बिया स्टेशन पर लाया गया। इसके बाद इंदौर ट्रेन के चक्कर में बीच राह में अटकी ट्रेनों को एक से दो घंटे की देरी से गंतव्य स्थान के लिए रवाना किया गया।
लंबी दूरी की गाड़ी गुजारी तो उखड़े यात्री
लाम्बिया स्टेशन पर इंटरसिटी में सवार यात्रियों ने उस वक्त हंगामा मचा दिया, जब उनकी ट्रेन को रोक कर लम्बी दूरी की ट्रेने हैदराबाद व कोलकोता को जाने दिया गया। गर्मी में भूख प्यास से परेशान यात्रियों ने स्टेशन मास्टर को इसकी शिकायत की और जवाब मांगा। करीब आधा घंटे के हंगामे के बाद इंटरसिटी को उदयपुर के लिए रवाना किया गया। ट्रेन में कई कॉलेज छात्र सवार थे जो गुजरात के बड़ौदा में गुरुवार को अन्य यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा देने जा रहे थे। उनका कहना था कि ट्रेन लेट होने से उनकी आगे की कनेक्टिविटी नहीं मिलेगी।
6.30 घंटे देरी से पहुंची भीलवाड़ा
जोधपुर-इंदौर ट्रेन का भीलवाड़ा में पहुंचने का समय दोपहर 3.10 बजे था, लेकिन यह साढ़े छह घंटे से भी अधिक की देरी से रात 9.45 बजे भीलवाड़ा पहुंची। यह ट्रेन लाम्बिया स्टेशन पर चार घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही। भीषण गर्मी के बीच यात्रियों के बुरे हाल हो गए।
स्टेशन पर पानी के लिए लोग इधर से उधर भटकते रहे।40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पारा और जबरदस्त उमस के बीच स्टेशन पर यात्रियों को न खाने को कुछ मिला और न ही पीने का पानी। इससे बच्चों व महिलाओं को खासी परेशानी हुई। इंजन फेल होने पर शुरू में यात्रियों को लगा कि छोटी तकनीकी खामी आई लेकिन फिर धीरे-धीरे वक्त के साथ उनका सब्र टूटता गया।
Published on:
14 Jun 2018 12:37 pm
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