इस संबंध में पूर्व में सचिव को जानकारी दी। सचिव ने सात दिन में फाइल निपटाने के लिए एईएन व जेईएन को निर्देश दिए, लेकिन करीब 1 महीना गुजर गया, फाइलों का निस्तारण नहीं हुआ। इससे आवंटियों में रोष है।
न्यास को 17 मई को पुर के लोगों ने यहां शिविर में भी ज्ञापन दिया। इसमें कहा कि 59 मकानों को आपत्ति के कारण लॉटरी में शामिल नहीं किया गया। इनकी पुनः लॉटरी निकालने की मांग की तथा शेष मकानों का सर्वे कर उन्हें भी भूखंड देने की मांग की। इसमें कहा कि 41 मकानों में से शेष रहे मकानों को भी भूखंड नहीं दिए गए। नगर परिषद ने इन्हें जर्जर बताकर खाली करने का नोटिस दिए थे। इस कारण कई परिवार सामुदायिक भवनों या किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं।
अटारिया ने इन समस्याओं का समाधान की मांग की। चेताया कि ऐसा नहीं होने पर फिर आंदोलन किया जाएगा। संरक्षक रोशन लाल महात्मा, गोपाल पलोड, रतनलाल आचार्य, महावीर व्यास, सुरेश शर्मा, महावीर सेन, मुकेश सोनी, राजकुमार गोयल, दीपक पाराशर, सोनू धोबी उपस्थित थे।