
Film on indigenous technology in bhilwara
भीलवाड़ा।
देश को खुले मे शौच मुक्त करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए करेड़ा के थाणा के दुर्गेश व्यास ने देसी तकनीकी का जुगाड़ किया। दुर्गेश का दावा है कि गांव में घर-घर में शौचालय बनने से उठ रही गैस से मच्छरों की फौज बढ़ रही है। यदि उसकी तकनीक इस्तेमाल करें तो गांव खुले में शौच मुक्त के साथ मच्छरों से भी मुक्त हो जाएंगे। उसका दावा है, इस देसी तकनीक से थाणा मच्छर मुक्त हो गया और वो करेड़ा व राजसमंद के कई गांव मच्छरों से मुक्त कराने में जुटा है।
तीन साल पहले हुई शुरुआत
दुर्गेश बताते हैं, तीन साल पहले गांव में घर के बाहर सो रहा था तो शौचालय के गैस पाइप के पास उठे मच्छरों ने परेशान किया। गांव के हर आदमी ने भी यही पीड़ा बताई। एेसे में उसने गांव के शौचालयों के पाइपों पर कपड़े की थैलियां बांधनी शुरू की। सीवर पाइपों पर थैलियों में प्याज व लहसून रखा।
इससे थैलियों में मच्छरों के ढेर लगने लगे। वर्ष 2016 में शुरू मुहिम से थाणा मच्छर मुक्त हो चुका। दुर्गेश ने देसी तकनीक की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को दी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण ने जिला परिषद से रिपोर्ट मांगी। परिषद व चिकित्सा विभाग की टीम गांव आई व तकनीक सराही। परिषद दुर्गेश पर शार्ट फिल्म बना कर उसे स्वच्छ भारत मिशन का एम्बेसडर बनाने की तैयारी कर रहा है।
ग्रामीण बोले, अब चैन से सोते है
दुर्गेश नौवीं पास है और मजदूरी कर परिवार पाल रहा है, सरकार व जिला प्रशासन से बस केवल तारीफ मिली। थाणा के बलवंत सिंह, मनमोहनसिंह व गोपालसिंह का कहना है कि दुर्गेश की तकनीक से अब बिजली गुल होने पर भी गांव में लोग आराम से सोते है और पशुधन को भी राहत है।
चलाएंगे अभियान
स्थानीय व दिल्ली की टीमों ने दुर्गेश की तकनीकी को असरकारी माना। थाणा मच्छर मुक्त हुआ। अन्य गांवों में भी ये तकनीक काम में आए, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। इस तकनीक पर शार्ट फिल्म बना रहे हैं। दुर्गेश की अन्य समस्या का हल भी प्रशासनिक स्तर पर करेंगे।
दिनेश चौधरी, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन
Updated on:
19 Jun 2018 02:59 pm
Published on:
19 Jun 2018 02:12 pm
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