इस साल कोरोना महामारी के कारण लोग परेशान रहे। 20 मार्च को कोरोना के प्रकोप के साथ ही पुलिस महकमे को थाना छोडऩा पड़ा। उसके बाद शहर में कफ्र्यू लगा दिया गया। लोगों घरों में कैद हो गए और सड़कों पर बेरीकेड लगाकर पुलिस तैनात हो गई। कोरोना का हॉटस्पॉट बनने से भीलवाड़ा को देश में रॉल मॉडल बनाने वाला महाकफ्र्यू लगा दिया गया। 3 अप्रेल को महाकफ्र्यू लग गया। शहर और जिले की सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया। दूधए सब्जी दवाइयां समेत अन्य इमरजेंसी सेवा को छोड़कर पूरी तरह व्यापारी ठप हो गया। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी बाजार दूर.गली.मोहल्ले में तैनात कर दिए गए। लोग घरों में कैद होने से बेजुबान पशु.पक्षियों की सेवा का जिम्मा स्वसं सेवी संगठनों के साथ पुलिस अधिकारियों ने उठाया। सड़कों पर घूमते गोवंश को चारा खिलाया तो पक्षियों को के दाना.पानी की बंदोबस्त करने में पुलिस पीछे नहीं रही। कोरोना से दहशत के कारण लोग घरों में थे तो पुलिसकर्मी जान की परवाह किए बगैर ड्यूटी निभाते नजर आए।
जिले में इस बार कई सड़क हादसें हुए। कई लोगों की जान गई और सैकड़ों लोग घायल हुए। जिले में वर्ष.2020 में सबसे बड़ा हादसा बीगोद कस्बे के निकट 10 फरवरी को हुआ। भीलवाड़ा से कोटा जा रही रोडवेज बस बीगोद में पावनधाम के निकट जीप से टकरा गई। हादसे में जीप में सवार नौ लोगों की मौत हुई। सभी मृतक मन्दसौर जिले के संधारा गांव के रहने वाले थे। भीलवाड़ा मायरा कार्यक्रम को निपटा कर अपने गांव जा रहे थे। इसके बाद 6 सितम्बर को भीलवाड़ा.कोटा राजमार्ग पर आरोली टोलनाके के निकट ट्रेलर वैन से टकरा गया। ट्रेलर की टक्कर से वैन के परखच्चे उड़ गए और आग लग गई। हादसे में वैन में सवार सभी सात जनों की मौत हो गई। मृतकों में छह बीगोद थाना क्षेत्र के सिंगोली श्याम के तथा जबकि एक सलावटिया का था। इसके अलावा भी जिले में कई सड़का हादसे हुए। किसी में पिता का साया सिर से उठा तो किसी का सिंदरी मिट गया। किसी ने भाई को खाया तो किसी ने बेटे को।
जिले में इस बार हनुमाननगर थाना सबसे सुर्खियों में रहा। चार महीने में ही दो थानाप्रभारियों को निलंबित किया गया। सबसे पहले यहां निरीक्षक रामकिशन गोदारा को लगाया गया। बजरी माफियों से सांठगांठ सामने आने के बाद अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने उनको निलंबित कर दिया। उसके बाद यहां गंगाराम विश्नोई को लगाया गया। विश्नोई पर एनडीपीएस के मामले में जांच में अनियमितता बरतने पर उनको भी निलंबित कर दिया। इस साल इस थाने ने चार प्रभारियों को देखा।
इस साल शहर के दो थानाप्रभारियों को एक साथ एक ही दिन निलंबित करने से भीलवाड़ा पुलिस कटघेरे में खड़ी हो गई। 7 मई को कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी यशदीप भल्ला और पुर थाने के तत्कालीन प्रभारी गजेन्द्रसिंह नरूका को अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक हवासिंह घूमरिया ने निलंबित कर दिया था। सीआई भल्ला पर लेनदेन के मामले में व्यापारी के साथ हुई मारपीट करने और अनियमितता बरतने का आरोप लगा। वहीं सीआई नरूका पर स्क्रेब को खुर्दबुर्द करने के मामले में कार्रवाई नहीं करने और अनियमितता बरतने का आरोप लगा।
जिले में इस बार बजरी माफिया ने भी खूब दुस्साहस दिखाया। 8 जून को जहाजपुर उपखण्ड अधिकारी के चालक कुलदीप शर्मा को बजरी से भरे ट्रैक्टर चालक ने कुचल दिया। माताजी का खेड़ा के निकट जहाजपुर की ओर से आ रहे बजरी से भरा ट्रैक्टर दिखाई दिया। उसे रोकने का प्रयास किया तो ट्रैक्टर चालक ने खेत में वाहन ले गया। इस दौ
रान रोकने के प्रयास में ट्रैक्टर चालक ने कुलदीप पर ट्रैक्टर चढ़ाकर कुचल दिया। इसके अलावा भी जिले के कई क्षेत्र में बजरी माफिया ने पुलिसए खनिज व प्रशासनिक अधिकारियों पर हमला किया।
इस साल जिले ने दो पुलिस अधीक्षकों को देखा। पहले छह महीने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर ने पुलिस की कमान संभाली। उनके तबादले के बाद प्रीति चन्द्रा को लगाया गया। जिले में पहली बार किसी ने महिला ने भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक की कमान संभाली।
जिले में इस बार चोरों और लुटेरों ने भी पुलिस को खूब छकाया। 27 जुलाई को मंगरोप क्षेत्र में बिजली ठेकेदार के कर्मचारी से मारपीट करके बाइक पर आए चार जनें मारपीट करके पांच लाख रुपए छीन ले गए। इसके अलावा सांगानेरी गेट के निकट निजी कॉलोनी में मकान से पचास लाख का माल पार हो गया। हालांकि बाद में भी इस चोरी में नौकरी का ही हाथ निकला। जिले का प्रमुख शक्तिपीठ धनोप माता मंदिर में भी चोरों ने 40 किलो चांदी चुरा ली। इस मामले की पुलिस ने खुलासा कर दिया। इसके अलावा मकानए दुकान और अन्य मंदिर भी चोरों के निशने पर रहे।