भीलवाड़ा की रैंकिंग में सुधार, नए जिले आखिरी पायदान पर
शिक्षा विभाग ने मई माह की रैंकिंग जारी की है। इसमें पहली बार नए जिलों को भी शामिल किया गया है। इस बार 41 जिलों के आधार पर रैंकिंग जारी की गई है। हालांकि नए जिले पहली रैंकिंग में पिछड़ते नजर आ रहे हैं। भीलवाड़ा ने भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। भीलवाड़ा प्रदेश में सातवें पायदान पर रहा है। सवाई माधोपुर पहले स्थान पर रहा है। प्रदेश के 8 नए जिलों का स्कोर जीरो रहा है। सलूंबर 41, फलौदी 40, कोटपूतली-बहरोड़ 39, खैरथल-तिजारा 38, डीडवाना-कुचामन 37, डीग 36, ब्यावर 35, बालोतरा 34वें स्थान पर रहा है। इन जिलों में पैरामीटर्स के अनुसार स्कूलों और कार्यालयों का संचालन नहीं हो रहा है। इन जिलों में डीईओ, सीडीईओ, सीबीईओ, स्टाफ आदि की कमी चल रही है। इसके साथ ही यहां पर संसाधनों का भी अभाव है।
इन पैरामीटर्स के आधार पर जारी हुई रैंकिंग
स्कूलों की रैंकिंग के लिए इस बार नए पैरामीटर्स जारी किए गए हैं। इसमें कुल 12 बिंदू शामिल किए हैं। इन सभी बिंदुओं का कुल स्कोर 105 है। सरकारी स्कूलों स्टार रैंकिंग तथा जिला, ब्लॉक एवं स्कूल स्तर की समग्र शैक्षिक रैंकिंग के पैरामीटर्स के आधार पर यह रैंकिंग जारी की गई है।
आठ नए जिले के कारण हुआ सुधार
प्रदेश में पहली बार आठ नए जिलों को रैंकिंग में शामिल करने से इसका फायदा भीलवाड़ा को हुआ है। लंबे समय बाद इसमें सुधार होने से भीलवाड़ा सातवें पायदान पर आया है। जबकि हर बार 12से 15वें पायदान पर रहता है।
डॉ. रामेश्वर प्रसाद जीनगर, एडीपीसी
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