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वर्षों पुराना मीठे पानी का सपना सच हुआ देखकर ग्रामीण खुशी के मारे उछल पड़े, मातृशक्ति का आंदोलन रंग लाया

Freshwater dreams आखिरकार मातृशक्ति द्वारा किया गया आंदोलन रंग लाया और कस्बेवासियों की वर्षों से मीठे पानी पीने की आस आखिरकार शुक्रवार को पूरी हो गई।

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Freshwater dreams come true in bhilwara

Freshwater dreams come true in bhilwara


हुरड़ा।
आखिरकार मातृशक्ति द्वारा किया गया आंदोलन रंग लाया और कस्बेवासियों की वर्षों से मीठे पानी पीने की आस Freshwater dreams आखिरकार शुक्रवार को पूरी हो गई। जब कस्बे वासियों के कंठ को तर करने के लिए कस्बे में चंबल का पानी आ पहुंचा। दो साल से जलदाय विभाग द्वारा कस्बावासियों को वितरित किया जा रहा खारे पानी के कारण कस्बेवासियों में खासा आक्रोश बना हुआ था। ग्रामीणों ने कई बार बार प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों को लिखित व मौखिक एवं मौका मुआयना करवाकर वस्तु स्थिति से अवगत करवाया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कस्बे की महिलाओं का आक्रोश गत 15 दिनों पूर्व फूट पड़ा और ग्राम की सैकड़ों महिलाओं ने एकत्रित होकर गुलाबपुरा उपखंड अधिकारी को 15 दिन में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान नहीं होने के बाद धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी। गुरुवार को 15 दिन की अवधि पूरी होने पर महिलाओं ने 8 घंटे तक गुलाबपुरा शाहपुरा पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन किया।

Freshwater dreams आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए जिला मुख्यालय से आए जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता उमेशकुमार काबरा, अधिशासी अभियंता सीतासिंह मीणा, तहसीलदार युवराज कौशिक, पंचायत समिति के उपप्रधान मधुसूदन पारीक एवं कस्बे के ग्रामीणों के बीचहुए समझौते के अनुसार कस्बे को अरवड़ पंपिंग स्टेशन से रोजाना डेढ़ लाख लीटर चंबल का पानी हुरडा खारी नदी में स्थित जीएलआर में डलवा कर वितरित किए जाने का लिखित समझौता हुआ। इसके अनुसार बीती रात से दोपहर तक जल परिवहन किए जाने वाली कंपनी के नुमाइंदों ने सारी तैयारी कर दोपहर बाद से हुरड़ा जीएलआर में चंबल का पानी टैंकरों के माध्यम से डालना शुरू किया।

Freshwater dreams जो कस्बे के विभिन्न मोहल्लों में वितरित किया जाएगा। वैसे जलदाय विभाग के अनुसार जिले में चल रही चंबल परियोजना के तहत स्थानीय कस्बे में जुलाई 2020 से अधिकारिक रूप से चंबल का पानी मिलना शुरू होगा। लेकिन कस्बे की विकराल और विकट इस समस्या के आगे प्रशासन एवं जलदाय विभाग के द्वारा अस्थाई रूप से अभी से ही चंबल का पानी वितरित किए जाने का निर्णय लेना पड़ा।