मेगा टेक्सटाइल पार्क पर भीलवाडा का पूरा हक
भीलवाड़ाPublished: Oct 27, 2021 08:24:31 am
बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा मैं करूंगा टैक्सटाइल पार्क की पैरवीमेवाड़ चेम्बर में आयोजित आपसी संपर्क बैठक
मेगा टेक्सटाइल पार्क पर भीलवाडा का पूरा हक
भीलवाड़ा
भीलवाडा राजस्थान का ही नहीं देश का एक प्रमुख टेक्सटाइल केन्द्र है और आधुनिकीकरण में तो इसने सारे देश का पीछे छोड दिया है। पूर्व में वस्त्र सचिव भी भीलवाडा यात्रा में यहां के उद्योग से बहुत प्रभावित हुए थे। मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए भीलवाडा का पूरा हक बनता है। मैंने पहले ही यहां के लिए पैरवी की है और पुन: भीलवाडा को मेगा टेक्सटाइल पार्क मिले, इसके लिए पूरी ताकत से पैरवी करुंगा। यह बात बिहार सरकार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार सायं को मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से आयोजित आपसी संपर्क बैठक में कही।
गारमेन्ट उद्योग के लिए बिहार देश का सबसे केन्द्रीय क्षेत्र
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हम भीलवाडा के किसी भी टेक्सटाइल उद्योग को बिहार ले जाने के लिए नही आए है बल्कि आपके सामने नया विचार लेकर आए है। अगर हमें टेक्सटाइल निर्यात को 100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य पर पहुंचाना है तो उसके लिए उद्योगपतियों को अब गारमेन्ट में ही जाना होगा। हमारे देश के कपडे से गारमेन्ट बनाकर बांग्लादेश विश्व का सबसे बडा गारमेन्ट निर्यातक बना है, तो हम क्यों नहीं बन सकते। गारमेन्ट उद्योग के लिए देश में सबसे केन्द्रीय क्षेत्र बिहार है। यहां आपको नेपाल, भूटान, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश की 55 करोड़ जनता का विशाल मार्केट मिलेगा। आज भी देश के सभी प्रमुख टेक्सटाइल केन्द्रों में लगभग 40 प्रतिशत कुशल श्रमिक बिहार के है। बिहार में श्रमिकों के रग में टेक्सटाइल उद्योग का खून दौड़ रहा है, वहां आपको कुशल कारीगरों की कोई कमी नहीं होगी।
गारमेन्ट उद्योग के लिए सतही जल उपलब्ध
भीलवाडा के उद्यमी धागे एवं कपड़े में देश के सबसे बड़े उत्पादकों में से है, अब भविष्य में आप विस्तारीकरण में रेडीमेड उद्योग की ओर जाए एवं उसके लिए बिहार ही उचित जगह है। राजस्थान, त्रिपुर, लुधियाना में रेडीमेड उद्योग लगाकर आप बांग्लादेश का मुकाबला नहीं कर सकते। वह मुकाबला तो बिहार में ही उद्योग लगाकर किया जा सकता है। बिहार में कुशल श्रमिक एवं टेक्सटाइल उद्योग के लिए सतही जल प्रचुरता से उपलब्ध है।